4 जुलाई से 11 सितंबर तक महाकाल मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश रहेगा बंद


इस बैठक में भगवान महाकाल के लड्डू प्रसाद के दाम में 40 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि करने का निर्णय भी लिया गया है।


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उज्जैन Published On :
mahakal temple sanctum sanctorum

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 4 जुलाई से 11 सितंबर तक यानी 70 दिनों तक भक्तों का गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

रविवार को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में हुई प्रबंध समिति की बैठक में यह भी फैसला किया गया कि इस दौरान 750 रुपये की रसीद पर गर्भगृह में प्रवेश की व्यवस्था भी बंद रहेगी।

इसके साथ ही प्रबंध समिति ने उज्जैनवासियों के लिए महाकाल मंदिर में अलग द्वार से प्रवेश की इजाजत दी है। स्थानीय भक्त 11 जुलाई से अपना आधार कार्ड दिखाकर गेट नंबर एक से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।

सुविधा की शुरुआत महापौर मुकेश टटवाल प्रथम नागरिक के रूप में मंदिर में प्रवेश कर करेंगे। उज्जैनवासियों के लिए अलग द्वार से प्रवेश का प्रस्ताव भी महापौर ने ही दिया था।

इस बैठक में भगवान महाकाल के लड्डू प्रसाद के दाम में 40 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि करने का निर्णय भी लिया गया है। वर्तमान में लड्डू प्रसाद 360 रुपये किलो बिक रहा है जिसे श्रावण मास में भक्तों को 400 रुपये किलो में खरीदना पड़ेगा।

समिति के इस निर्णय से भक्तों की जेब पर अतिरिक्त भार बढ़ने वाला है। इसे लेकर समिति का कहना कि वर्तमान में लड्डू प्रसाद की निर्माण लागत 400 रुपये 84 पैसे प्रतिकिलो पड़ रही है और कीमत 400 रुपये किलो करने के बाद भी समिति को 84 पैसे प्रति किलो नुकसान उठाना पड़ रहा है।

मंदिर समिति की बैठक में श्रावण महोत्सव में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों के नाम भी तय किए गए हैं। भक्तों की सुविधा के लिए 10 बिस्तर का अस्पताल, चार अत्याधुनिक सुविधाघर तथा मातृत्व कक्ष बनाने को लेकर भी निर्णय लिया गया है।

मंदिर समिति की इस बैठक में महापौर मुकेश टटवाल, प्रशासक संदीप कुमार सोनी, एसपी सचिन शर्मा, समिति सदस्य पंडित राम पुजारी, पंडित प्रदीप गुरु, पंडित राजेंद्र गुरुजी सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।



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