बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे राज्य की राजनीति में शब्दों के तीर तेज़ होते जा रहे हैं। बुधवार को महागठबंधन की पहली संयुक्त रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला, वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर वंशवाद और जंगलराज का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने मुज़फ्फरपुर के सकरा में आयोजित सभा में कहा —
“मोदी जी वोट पाने के लिए कुछ भी करेंगे, अगर आप कहेंगे तो वे मंच पर नाचने भी आ जाएंगे।”
गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आम जनता के बीच “ड्रामा” करते हैं, जबकि चुनाव खत्म होते ही वे “अंबानी-अदानी की शादी में सूट-बूट वालों” के बीच नज़र आते हैं।
“दो भारत” का ज़िक्र, भाजपा पर रिमोट कंट्रोल का आरोप
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि देश में “दो भारत” बन चुके हैं —
“एक भारत मोदी जी का है, जहाँ छठ पूजा के लिए साफ पानी और कैमरे होते हैं, और दूसरा असली भारत है, जहाँ लोग गंदे पानी और बीमारियों से जूझ रहे हैं।”
गांधी ने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब भाजपा के “रिमोट कंट्रोल” बन चुके हैं —
“नीतीश जी का चेहरा आगे है, लेकिन असली नियंत्रण भाजपा के हाथों में है। भाजपा को सामाजिक न्याय से कोई लेना-देना नहीं।”
तेजस्वी का दावा: “अब बिहारी बाहर नहीं जाएंगे”
महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो राज्य से पलायन खत्म होगा।
“दिल्ली, गुजरात और मुंबई आपने बनाया, अब बिहार भी वही बनाएंगे। अगली छठ पूजा तक कोई बाहर मजदूरी करने नहीं जाएगा,” यादव ने कहा।
शाह का पलटवार: “ना दिल्ली में जगह, ना पटना में”
वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बेगूसराय में सभा को संबोधित करते हुए महागठबंधन को “वंशवादी गठबंधन” बताया।
लालू जी अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, सोनिया जी अपने बेटे को प्रधानमंत्री। लेकिन बिहार में सीएम की और दिल्ली में पीएम की कोई कुर्सी खाली नहीं है,”
शाह ने कहा।
उन्होंने कहा कि भाजपा युवाओं को मौका दे रही है, जबकि विपक्ष केवल अपने परिवारों तक सीमित है।
‘घुसपैठिया बचाओ यात्रा’ पर निशाना
शाह ने राहुल गांधी की पिछली “वोट अधिकार यात्रा” को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह “घुसपैठिया बचाओ यात्रा” थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और आरजेडी विदेशी मतदाताओं को बचा रही हैं, और वादा किया कि भाजपा बिहार की वोटर लिस्ट से हर “घुसपैठिया” को हटाएगी।
शाह ने चेतावनी दी —
अगर गलती से जंगलराज लौट आया तो बिहार 20 साल पीछे चला जाएगा। लेकिन अगर जनता सही फैसला लेगी, तो मोदी जी के नेतृत्व में ‘विकसित बिहार’ बनेगा।
राजनीतिक तापमान चरम पर
बिहार में चुनाव प्रचार अपने चरम पर है — एक ओर विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी और जातीय जनगणना को मुद्दा बना रहा है, वहीं एनडीए “जंगलराज बनाम विकास” के नारे पर मैदान में है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह चुनाव सिर्फ सत्ता की नहीं, बल्कि नैरेटिव की लड़ाई भी है — जहाँ भाष
णों के शब्द, व्यंग्य और आरोप अब प्रचार के सबसे तेज़ हथियार बन चुके हैं।



























