किसान आंदोलनः दिल्ली से चला कांग्रेस का विरोध अब गांवों और जिलों तक आएगा!


किसान आंदोलन पर अब तक सीधे केंद्र सरकार और किसानों के बीच बात हो रही थी लेकिन गुरुवार को हुई इस घटना के बाद अब कांग्रेस को  इस मामले पर और भी ज्यादा मुखर होने का मौका मिल गया है।


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Gandhinagar: Congress leader Priyanka Gandhi addresses during Jan Sankalp Rally in Gandhinagar, on March 12, 2019. (Photo: IANS/AICC)


नई दिल्ली। विवादित कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ केंद्र सरकार और किसानों के बीच की लड़ाई और गहरा सकती है। गुरुवार को इसी विषय पर राष्ट्रपति से मिलने जा रहे कांग्रेस नेताओं को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया। इनमें प्रियंका गांधी भी शामिल थीं। हालांकि इन्हें कुछ देर बाद छोड़ दिया गया।

किसान आंदोलन पर अब तक सीधे केंद्र सरकार और किसानों के बीच बात हो रही थी लेकिन गुरुवार को हुई इस घटना के बाद अब कांग्रेस को  इस मामले पर और भी ज्यादा मुखर होने का मौका मिल गया है।  इसके बाद कांग्रेसी नेताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। ख़बरों की मानें तो अब तक किसान आंदोलन पर पार्टी की प्रदेश इकाईयां भी बड़ा विरोध करने की तैयारी कर सकते हैं। हालांकि मध्यप्रदेश में 28 दिसंबर को कांग्रेसी भोपाल में जुट रहे हैं। यह योजना पहले ही बना ली गई थी।

 

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ये नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेता कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें दो करोड़ हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंपने निकले थे।  इस दौरान दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया।  हालांकि पुलिस ने करीब आधे घंटे तक ही उन्हें मंदिर मार्ग थाने में  रखने के बाद छोड़ दिया। प्रियंका गांधी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के पेट पर लात मार रही है और हमारा फर्ज़ है कि हम किसानों के साथ खड़े रहें।

प्रियंका गांधी को हिरासत में लिये जाने के पीछे वजह ये रही कि राष्ट्रपति भवन में केवल राहुल गांधी और सिर्फ दो नेताओं को ही जाने की अनुमति मिली थी। इसके बाद नेताओं को मार्च की इजाजत ना मिलने के कारण 10 जनपथ के बाहर कई कांग्रेसी नेता धरने पर बैठ गए। कांग्रेस दफ्तर के आसपास दिल्ली पुलिस ने धारा 144 लगा दी है।

 



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