वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर स्वास्थ्य विभाग का विशेष प्रशिक्षण  


वायु गुणवत्ता सूचकांक, पीएम 2.5 जैसे प्रदूषका का प्रभाव, हीट एवं कोल्ड स्ट्रोक के असर और बचाव के साथ ही प्रारंभिक उपचार पर विशेष चर्चा की गई। 


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हवा-पानी Published On :

स्वास्थ्य विभाग ने इंदौर में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनसीसीएचएच) के अंतर्गत 19 और 20 अक्टूबर को दो दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन द्वारा किया।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को वायु प्रदूषण एवं उसके दुष्प्रभावों, स्वास्थ्य कर्मियों की वायु प्रदूषण से निबटने में भूमिका, जलवायु परिवर्तन का स्वास्थ्य पर प्रभाव एवं बचाव के तरीकों से प्रतिभागियों को अवगत कराया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रथम बैच में 30 कार्यक्रम प्रबंधकों, सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, एएनएम, आशा आदि और दूसरे बैच में समस्त विकास खंड़ों की 30 एएनएम को प्रशिक्षित किया गया है।

प्रशिक्षण के दौरान वायु प्रदूषण, इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव, इससे होने वाली बीमारियां जैसे अस्थमा फेफड़ों से संबंधित रोग और माताओं-शिशुओं तथा वृद्धजनों पर पड़ने वाले बुरे असर के बारे में विस्तार जानकारी देने के साथ ही इन स्थितियों से बचने के उपायों की रणनीति को लेकर प्रशिक्षित किया गया।

वायु गुणवत्ता सूचकांक, पीएम 2.5 जैसे प्रदूषका का प्रभाव, हीट एवं कोल्ड स्ट्रोक के असर और बचाव के साथ ही प्रारंभिक उपचार पर विशेष चर्चा की गई।

प्रतिभागियों ने वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसे अहम् मुद्दों पर जन-जागरुकता के लिए कविता एवं नारा लेखन भी किया। रचानात्मक और रोचक लेखन को कार्यक्रम में पुरस्कृत भी किया गया।

स्वास्थ्य विभाग के नोडल ऑफिसर डॉ. अमित मालाकार कार्यक्रम ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया। उन्होंने वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से निबटने के लिए जिला स्तरीय कमेटी एवं विभिन्न विभागों के समन्वित प्रयास पर विशेष बल दिया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्री भूरे सिंह सेतिया ने वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव पर सचेत रह कर जन समुदाय को इसके बारे में अवगत कराने के लिए निर्देशित किया।

प्रशिक्षकों के रूप में महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉ. सूरज सिरोही, क्लीन एयर कैटलिस्ट के सौरभ पोरवाल और मेघा नामदेव ने संबोधित किया।

स्वास्थ्य विभाग के एपिडिमियोलॉजिस्ट डॉ. अंशुल मिश्रा ने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि वे क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों को पोर्टल पर सही समय पर अपडेट करें ताकि सही समय पर जिला एवं राज्यस्तरीय अधिकारियों को प्रेषित किए जाएं और इन आंकड़ो के आधार पर कार्रवाई के लिए उचित निर्णय लिए जा सकें। पूरे कार्यक्रम के सफल संचालन में शारदा त्रिपाठी ने विशेष सहयोग प्रदान किया।