अंकिता भंडारी हत्याकांड: पुलकित आर्य समेत तीनों दोषी, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा 


उत्तराखंड की कोटद्वार कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में पुलकित आर्य और दो अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई। जानिए इस दिल दहला देने वाले केस की पूरी कहानी, जांच और न्याय की लड़ाई।


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उत्तराखंड की बहुचर्चित और दिल दहला देने वाली अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अदालत ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। फैसले के साथ ही मृतक परिवार और जनता को न्याय की एक किरण दिखी है, मगर पीड़ित परिजनों की नजर में यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।

 

कौन थी अंकिता भंडारी?

अंकिता भंडारी एक 19 वर्षीय युवती थी, जो पौड़ी जिले के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनके पिता बीरेंद्र भंडारी सुरक्षा गार्ड की नौकरी करते हैं। पढ़ाई में होशियार अंकिता होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रही थीं, लेकिन कोविड के दौरान आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी। अगस्त 2022 में, एक दोस्त के ज़रिये उन्हें ऋषिकेश के वनंत्रा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी मिली।

दोषी पुलकिल आर्य

क्या हुआ था 18 सितंबर 2022 की रात?

उस रात अंकिता के साथ जो हुआ, वो देशभर के लोगों को हिला देने वाला था। आरोप है कि रिज़ॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य—जो एक पूर्व भाजपा नेता का बेटा है—ने अपने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता पर “विशेष सेवाएं” देने का दबाव बनाया। अंकिता ने विरोध किया, और उसी विरोध की कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। तीनों ने उसे चिल्ला नहर में धक्का दे दिया। उसका शव 24 सितंबर को बरामद हुआ।

 

पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर भी उठे सवाल

इस केस में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि घटना के तुरंत बाद रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। जिस पटवारी को जानकारी दी गई थी, उसने मामले को दबा दिया और खुद छुट्टी पर चला गया। बाद में जब मामला तूल पकड़ने लगा तो केस रेगुलर पुलिस को सौंपा गया और पटवारी को निलंबित कर गिरफ्तार किया गया।

 

कोर्ट में क्या हुआ?

कोटद्वार की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने पुलकित आर्य को हत्या (IPC 302), सबूत छिपाने (201), यौन उत्पीड़न (354A) और अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत दोषी करार दिया। अन्य दो आरोपियों को भी हत्या और अनैतिक व्यापार में संलिप्त पाया गया। तीनों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

 

परिवार का दर्द और गुस्सा

फैसले के दिन अंकिता की मां रो पड़ीं। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी के हत्यारों को फांसी होनी चाहिए। हम केवल न्याय नहीं, उदाहरण चाहते हैं।” पिता बीरेंद्र भंडारी ने कहा, “जब तक हत्यारों को फांसी नहीं मिलती, हम चैन से नहीं बैठेंगे।”

2023 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वादा किया था कि अंकिता के नाम पर एक नर्सिंग कॉलेज बनेगा, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

 



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