डेढ़ दर्जन प्रचार वाहनों से नदारद ज्योतिरादित्य, चम्बल में भी BJP ने नहीं दिया भाव


जहां कांग्रेस अभी से ही तंज कस रही है तो वहीं सिंधिया समर्थकों का भी मनोबल कुछ हद तक कम हुआ है, हालांकि जब इस बारे में पूछा गया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सिंधिया उनके एक अहम नेता हैं और उन्हें दरकिनार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।


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भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनवाने के लिए भले ही कांग्रेस से टूटे ज्योतिरादित्य सिंधिया सबसे बड़े कारण रहे हों लेकिन फिलहाल की चुनावी तैयारियों में भाजपा के पोस्टरों पर उनका कोई जिक्र नजर नहीं आ रहा है।

मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय से 18 चुनावी रथ रवाना किए गए। इन रथों पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी के अलावा केवल दो और नेताओं की तस्वीरें हैं। इनमें एक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीपी शुक्ला की है तो दूसरी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की। ज्योतिरादित्य सिंधिया का चेहरा चुनावी वाहनों पर लगे पोस्टरों से गायब है।

जहां कांग्रेस अभी से ही तंज कस रही है तो वहीं सिंधिया समर्थकों का भी मनोबल कुछ हद तक कम हुआ है, हालांकि जब इस बारे में पूछा गया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सिंधिया उनके एक अहम नेता हैं और उन्हें दरकिनार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। मुख्यमंत्री के बयान भारतीय जनता पार्टी में सिंधिया की कद को लेकर उठ रहे सवालों को कुछ हद तक ही रोक सकता है क्योंकि चुनावी वाहन या रथ ग्वालियर चंबल के उन इलाकों में दौरा करेंगे जहां सबसे ज्यादा 16 सीटों पर उप चुनाव होने हैं।

इससे पहले एक चुनावी कार्यक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया को कहते सुना गया था चुनाव पार्टी का नहीं बल्कि महाराजा सिंधिया का चुनाव है। ऐसे में अब जनता अगर चुनावी रथों पर सिंधिया का चेहरा और नाम नहीं देखेगी तो सवाल उठने तय हैं।



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