
भोपाल। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कश्मीरी पंडितों व उनकी हड़पी गई जमीनों को लेकर अपनी चिंता जताई है।
गृहमंत्री मिश्रा ने बुधवार को कहा कि मध्यप्रदेश में रह रहे निर्वासितों की रोशनी एक्ट के तहत यदि कश्मीर में जमीन हड़पी गई है तो वे गृह मंत्रालय में आवेदन करें।
मध्यप्रदेश सरकार जमीन वापस कराने के लिए हर संभव प्रयास करेगा और इसको लेकर केंद्र सरकार से अपील करेगी।
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कश्मीर में रोशनी एक्ट के नाम पर अंधेरा फैलाने का काम किया गया है। यह एक्ट कांग्रेस की ओर से पैदा किया गया अभिशाप है। कुछ लोगों ने आतंकवाद से हाथ मिलाकर रोशनी के नाम पर कश्मीर में अंधेरा फैलाया।
.#RoshniAct की आड़ में अंधेरा फैलाने के नापाक खेल में @INCIndia शामिल है। मैं मप्र में निवासरत #JammuAndKashmir के निर्वासित नागरिकों से आग्रह करता हूँ कि यदि उनकी जमीनें हड़पी गईं हैं तो वे गृह मंत्रालय में आवेदन दें।सरकार @HMOIndia से अनुरोध कर जमीन वापस दिलाने का प्रयास करेगी। pic.twitter.com/o073szwMZi
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) November 25, 2020
2001 में जम्मू-कश्मीर में तत्कालीन नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार ने गरीबों के घरों को रोशन करने के लिए जम्मू-कश्मीर भूमि एक्ट लागू किया था।
इसके तहत 1990 में हुए अतिक्रमण को इस एक्ट के दायरे में लाकर इसे नियमित करने का फैसला लिया गया था। इससे कश्मीर छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में जाकर बसने वालों की अतिक्रमित हुई जमीन वापस मिलने का रास्ता बंद हो गया था।
2005 में मुफ्ती मोहम्मद सईद की नेतृत्व वाली पीडीपी सरकार ने योजना का दायरा 2000 तक करते हुए कब्जों को सीमित कर दिया था। इसके बाद गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे 2007 तक सीमित किया था।