सज़ा मिलने के चौबीस घंटे के अंदर छीन ली गई राहुल गांधी की संसद सदस्यता


सूरत कोर्ट से मोदी सरनेम को लेकर मानहानि केस में मिली थी राहुल गांधी को सज़ा।


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बड़ी बात Updated On :

नई दिल्ली। मोदी उपनाम के ऊपर की गई टिप्पणी के 4 साल बाद सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि का दोषी ठहरा कर दो साल की सजा दी। इसके ठीक अगले दिन लोकसभा से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी गई।

लोकसभा सचिवालय की ओर से यह बेहद चौंकाने वाला कदम रहा। राहुल की सदस्यता उन्हें सजा मिलने वाले दिन से ही रद्द की गई है।

विपक्ष के नेताओं के मुताबिक, उन्हें उम्मीद नहीं थी कि सरकार इस कदर राहुल गांधी को इस कदर राहुल गांधी को हटाना चाहती है।

राहुल,  वायनाड लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं।  सभा सचिवालय की ओर से जारी निर्देश में उनकी सदस्यता 23 मार्च 2023 से रद्द की जा रही है।

लोकसभा सचिवालय का यह आदेश लोक प्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत की गई है। इस दस्तावेज पर  संयुक्त सचिव पीसी त्रिपाठी के हस्ताक्षर हैं।

राहुल गांधी की सदस्यता इस तरह से रद्द किए जाने के मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर आक्रामक है। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई राहुल के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी के संबंधों पर लगातार उठाए जा रहे सवालों के कारण है।

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि राहुल लगातार मोदी और अडानी पर सवाल उठा रहे थे और यह षड्यंत्र उन्हें चुप कराने के लिए किया गया है।

 

मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने इसे मोदी सरकार का पूरी तरह तानाशाही पूर्ण रवैया बताया है।

कमलनाथ ने लिखा है कि “नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के सम्मानित नेता श्री राहुल गांधी के खिलाफ षड्यंत्र करने में सारी हदें पार कर दी हैं। जिस तरह से उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द की गई है, उससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार श्री राहुल गांधी से भयभीत है।”

 

महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि सूरत कोर्ट से 2 साल की सजा मिलने के बाद से ही हमें इस बारे में आशंका थी। कोट 6 महीने या 1 साल की भी सजा दे सकता था लेकिन 2 साल की सजा संभवत इसीलिए दी गई ताकि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द की जा सके।

 



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