पटवारी भर्ती परीक्षा पर नहीं थम रहा गुस्सा, इंदौर में युवाओं का बड़ा प्रदर्शन


युवाओं ने कहा कि इस फर्जी भर्ती को सही दिखाकर अब नियुक्ति दी जा रही है और मप्र को गर्त में धकेला जा रहा है।


DeshGaon
उनकी बात Updated On :

पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर प्रदेश के युवाओं में असंतोष बना हुआ है। इन युवाओं ने सोमवार को इंदौर में बड़ा प्रदर्शन किया और कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। ये युवा भर्ती परीक्षा रद्द करने और जांच को सार्वजनिक करने और  एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के द्वारा जांच की मांग कर रहे थे।

इंदौर में यह प्रदर्शन सोमवार को करीब तीन घंटे तक जारी रहा। प्रदर्शन का नेतृत्व नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के द्वारा किया जा रहा था। इस प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में युवा पहुंचे और उन्होंने भर्ती परीक्षा को लेकर सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की। संगठन के राधे जाट ने बताया कि यह जांच रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता है क्योंकि जिन भी अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में टॉप किया है उन सभी के कई इंटरव्यू के वीडियो हमने देखे हैं और ऐसे में नहीं कहा जा सकता कि ऐसे अभ्यर्थी किसी ऐसी परीक्षा में अव्वल आ रहे हों जिसमें तेरह लाख बेरोजगार शामिल हुए हैं।

जाट ने कहा कि जिन युवाओं की किस्मत का फैसला इस जांच रिपोर्ट से हुआ है आखिर उन्हें भी इस रिपोर्ट की जानकारी मिलनी चाहिए। उन्हें भी पता चलना चाहिए कि आखिर जांच किस तरह से हुई है। जांच में किन लोगों के बयान हुए हैं और उन्होंने क्या कहा है और आखिर किन आधारों पर परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं पाई गई और यह फैसला दिया गया।

जाट ने कहा कि “एक भाजपा विधायक के कॉलेज से एक साथ सात अभ्यर्थी टॉप कर रहे हैं, यह कैसे संभव है। उन अभ्यर्थियों के इंटरव्यू सभी ने देखे हैं और उन्हें देखकर कहना मुश्किल नहीं कि जिनका पास होना भी मुश्किल था वे अव्वल आ रहे हैं।”

“प्रदर्शन करने वाले युवाओं ने कहा कि अब हमें रह-रहकर उन अभ्यर्थियों के इंटरव्यू याद आ रहे हैं जहां वे कैमरे पर मप्र की राजधानी दिल्ली को बता रहे थे, पेपर उन्होंने कैसे किया यह नहीं पता लेकिन जब वे टॉप कर गए तो यह अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं कि पेपर कैसे हुआ होगा।”

ये युवा कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे और कलेक्टर से मिलकर अपना ज्ञापन देना चाहते थे लेकिन कलेक्टर कार्यालय में नहीं थे ऐसे में उन्होंने एसडीएम रोशन राय के सामने अपना ज्ञापन पढ़कर सुनाया और फिर उन्हें सौंप दिया।

इस प्रदर्शन में कई भर्ती परीक्षाओं के अभ्यर्थी पहुंचे थे।  प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि पटवारी परीक्षा भर्ती की नियुक्ति की प्रक्रिया आज ही रोककर एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ के नेतृत्व में विशेषज्ञों की SIT गठित कर जांच की जाए।

 

ज्ञापन में की गई हैं ये मांगें…

  • पटवारी परीक्षा रिजल्ट घोषित कर सरकार ने नियुक्ति देने का जो निर्णय लिया है उसे तत्काल रोका जाए।
  • वर्मा जांच समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
  • पटवारी परीक्षा घोटाले की मध्यप्रदेश के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में SIT का गठन कर नए सिरे से जांच की जाए।
  • ESB द्वारा आयोजित मंडी इंस्पेक्टर, लेबर, इंस्पेक्टर,महिला पर्यवेक्षक एवं अन्य परीक्षाओं के सभी रिक्त पद का कैलेंडर जारी कर भरे जाएं
  • केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए नकल विरोधी कानून को मध्यप्रदेश में तत्काल लागू किया जाए।
  • मप्र पुलिस सब इंस्पेक्टर के 2000 पदों पर भर्ती की जाए।
  • MP कॉन्स्टेबल और ESB द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं के रुके हुए परिणाम जारी करके नियुक्ति दी जाए।
  • राज्य सेवा परीक्षा 2024 में पदों की संख्या बढ़ाकर 500 तक की जाए।
  • ESB की परीक्षाएं प्रतिष्ठित कंपनी(TCS जैसी) द्वारा आयोजित की जाए।
  • राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2023 में अभ्यर्थियों की मांग को ध्यान में रखते हुए 90 दिन का समय दिया जाए।
  • ओबीसी आरक्षण केस को हल करके 87-13 फॉर्मूला खत्म किया जाए और 100 फीसदी पर परिणाम जारी करे।
  • शिक्षक भर्ती 2023 वर्ग 1 में पद वृद्धि और वर्ग 2 व 3 की अधिसूचना जारी की जाए।
  • नवनियुक्त कर्मचारियों को 100 फीसदी वेतन दिया जाए।



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