किसान आंदोलनः रिटा. फौजी कर रहे देश भर में पुराने साथियों से आगे आने की अपील, राजस्थान और एमपी में भी सुगबुगाहट


किसान आंदोलन को लेकर पूर्व सैनिक पिछले कुछ दिनों से सुर्ख़ियों में बने हुए हैं।  पंजाब के पूर्व सैनिक पहले  ही किसानों के साथ आ चुके हैं।उनका कहना है कि अगर सरकार ने अगर कानून वापस नहीं लिए और किसानों की मांग नहीं मानी तो देशभर के सैनिक 26 जनवरी को राष्ट्रपति को मेडल वापस लौटाएंगे।


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Photo Credit: Telegraph India


नई दिल्ली। किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रहीं हैं। देशभर में किसान आंदोलन के लिए अब सर्मथन बढ़ रहा है। इसकी तस्वीरें रोज़ाना सामने भी आ रहीं हैं। अब लखनऊ में भी किसानों की मांगों का सर्मथन हो  रहा है। यहां पूर्व सैनिकों का एक दल किसान आंदोलन में सर्मथन कर रहा है। जिन्होंने किसानों के सहयोग में देशभर के सैनिकों से आगे आने की अपील कर रहे हैं।

किसान आंदोलन को लेकर पूर्व सैनिक पिछले कुछ दिनों से सुर्ख़ियों में बने हुए हैं।  पंजाब के पूर्व सैनिक पहले  ही किसानों के साथ आ चुके हैं।उनका कहना है कि अगर सरकार ने अगर कानून वापस नहीं लिए और किसानों की मांग नहीं मानी तो देशभर के सैनिक 26 जनवरी को राष्ट्रपति को मेडल वापस लौटाएंगे। पंजाब के करीब साढ़े तीन लाख पूर्व सैनिक भी किसान आंदोलन के समर्थन के लिए तैयार हैं। पंजाब में यह सर्मथन सबसे तेज़ है। जहां पूर्व सैनिकों के कई दल आंदोलन स्थल तक पहुंच चुके हैं और लगातार जा रहे हैं।

सोशल मीडिया पर लखनऊ में सैनिकों द्वारा किसान आंदोलन के सर्मथन में हुए कार्यक्रम का वीडियो वायरल हो रहा है। यहां पूर्व सैनिक कह रहे कि वे किसानों के बेटे हैं और किसानों के ख़िलाफ लाए गए इन कानूनों का पुरज़ोर विरोध करते हैं।

इस बीच मीडिया की ख़बरें बताती हैं कि कुछ पूर्व सैनिक कृषि बिलों का सर्मथन भी कर रहे हैं। दैनिक जागरण की रविवार को जारी एक खबर बताती है कि हिसार में पूर्व सैनिकों ने कृषि कानूनों के सर्मथन में प्रदर्शन कर उपवास रखा है।

इस बीच ख़बर है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी पूर्व सैनिकों से किसान आंदोलन के सर्मथन में आगे आने की अपील की जा रही है और यहां से भी बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों द्वारा किसान आंदोलन के सर्मथन में आने के बात की जा रही है हालांकि इसकी पुष्टी नहीं है लेकिन अगर ये सैनिक आगे आते हैं तो किसान कानूनों के विरोध में सरकार की ओर एक बड़ा संदेश जाएगा।



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