नरसिंहपुरः बिगड़े मौसम से किसान चिंतित, खेतीबाड़ी पर मंडरा रहे आफत के बादल


शुक्रवार को कई स्थानों पर बूंदाबांदी हुई तो कहीं तेज हवाएं चली जिसका असर फसलों पर रहा। मौसम के बताए गए पूर्वानुमान के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के असर से कहीं-कहीं बूंदाबांदी व ओलावृष्टि संभव है। इस पूर्वानुमान से किसानों की चिंता बढ़ गई है।


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :
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– चक्रवात के असर से बिगड़ रहा मौसम का मिजाज, पश्चिमी विक्षोभ के असर से बूंदाबांदी व ओलावृष्टि संभव।

नरसिंहपुर। चक्रवात के असर से मौसम का मिजाज फिर बिगड़ रहा है और किसान चिंतित हैं क्योंकि खेतीबाड़ी पर आफत के मंडरा रहे बादलों से गेहूं, चने की फसल प्रभावित हो सकती है।

शुक्रवार को कई स्थानों पर बूंदाबांदी हुई तो कहीं तेज हवाएं चली जिसका असर फसलों पर रहा। मौसम के बताए गए पूर्वानुमान के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के असर से कहीं-कहीं बूंदाबांदी व ओलावृष्टि संभव है। इस पूर्वानुमान से किसानों की चिंता बढ़ गई है।

पश्चिमी विक्षोभ और पश्चिमी राजस्थान एवं दक्षिण पूर्व मप्र पर बने कम दबाब के क्षेत्र का असर जिले के मौसम पर भी है। शुक्रवार को तेज हवाएं चलीं। इसके पहले बादल छाए रहे। इक्के-दुक्के स्थानों पर बूंदाबांदी हुई। तेज हवाओं के कारण गेहूं की फसल प्रभावित हुई है जबकि चना बूंदाबांदी से प्रभावित रहा।

तापमान में गिरावट –

बादलों और तेज हवाओं से दिन का तापक्रम सामान्य से तीन डिग्री नीचे लुढ़ककर 30.4 डिग्री दर्ज किया गया। रात का तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 21 डिग्री था। बीते वर्ष इसी अवधि में अधिकतम तापमान 31.9 और न्यूनतम 18.0 डिग्री था।

वातावरण में नमी की मौजूदगी सुबह 66 और शाम को 38 फीसदी दर्ज की गई। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 40 डिग्री खंडवा का दर्ज किया गया जबकि न्यूनतम तापक्रम 13 डिग्री मंडला का रहा। हवा का रूख उत्तर-पूर्वी और रफ्तार 5 से 6 किमी प्रति घंटे रही।

बूंदाबांदी और ओलावृष्टि संभव –

पश्चिमी राजस्थान के ऊपर चक्रवात का असर है जबकि दक्षिण पूर्व मप्र पर कम दबाब का क्षेत्र बना है। पश्चिमी विक्षोभ के असर से यह संभव है कि कहीं-कहीं गरज चमक के साथ बूंदाबांदी हो या बौंछारे पड़े। कहीं-कहीं अल्पकालिक ओलावृष्टि भी संभव है।



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