कोरोना काल में अपनी सहयोग के लिए डॉ. अजय गोयंका ने की पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्रंशसा


डॉ. गोयंका ने पूर्व सीएम कमलनाथ के विजन को बताया अहम, कहा कमलनाथ ने किया ऑक्सीजन और रेमडिसिविर की सप्लाई में सहयोग


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भोपाल Published On :

भोपाल। कांग्रेस मुख्यालय में रविवार को प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ ने कांग्रेस स्वास्थ्य एवं चिकित्सा प्रकोष्ठ के कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि किस तरह संकट के समय सीएम शिवराज ने उन्हें कॉल किया था और उन्होंने प्रदेश के लिए ऑक्सीजन मंगवाया। इस कार्यक्रम में चिरायु मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ अजय गोयंका भी मौजूद रहे। डॉ गोयनका ने कहा कि सरकार की तरफ से कोरोना मरीजों के इलाज का विजन तत्कालीन सीएम कमलनाथ का था।

पीसीसी में कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों और सदस्यों को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि, ‘मुझे याद है जब मैंने कहा था कि ये कोरोना सामने है, तब मेरा मजाक उड़ाया गया था। मैं इंटरनेशनल अखबार पढ़ता था। उसमें कोविड की भयंकर समस्या सामने आने वाली है। जब मैंने कहा हमें कोविड की तैयारी करनी है तो मुझे कहा गया, ये कोरोना नहीं कमलनाथ का डरोना है।’

कमलनाथ ने कहा कि, ‘जब टैंकर्स की कमी आई। तब मुझे मुख्यमंत्री शिवराज जी ने फोन किया कि ऑक्सीजन की बहुत कमी हो रही है। टैंकर नहीं मिल रहे। मैंने पूछा टैंकर बनाता कौन है? उन्होंने कहा- मैं अपने प्रिंसिपल सेक्रेटरी से कहता हूं, वो आपसे बात करेंगे। उनके पीएस का फोन आया। बताया कि फलां कंपनी टैंकर बनाती है। मैंने स्टाफ से चेक कराकर उस कंपनी के चेयरमैन को फोन किया। उन्होंने ऐसे बात करनी शुरू की, जैसे कि मेरे दोस्त हों। कहा कि मुझे याद है कि जब आपने हमें फॉरेन कॉलेबोरेशन की परमिशन सात दिन दिलाई थी। मैंने कहा- वो सब पुरानी बातें हैं, अभी हमें टैंकर चाहिए। उन्होंने कहा टैंकर तो सारे अलॉट हो गए हैं। मैंने कहा- अभी आज ही डायवर्ट करिए। तब टैंकर मप्र पहुंचे, इससे हमें राहत मिली।’

अपने संबोधन में पूर्व सीएम कमलनाथ ने आगे कहा कि, ‘कोविड जब शुरुआती स्थिति में था। मैं छिंदवाड़ा में था। हमने अधिकारियों, डॉक्टरों के साथ बैठक की। मैंने पूछा कि आपको किस चीज की जरूरत है? बताया गया कि ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। एक इंजेक्शन का नाम लिया, जिसका नाम मैंने कभी सुना नहीं था रेमडेसिविर। मैंने पूछा- इस इंजेक्शन को कौन बनाता है? जवाब मिला- सन फार्मा। मैंने उसी समय सन फार्मा के चेयरमैन को कॉल किया। इसी तरह छिंदवाड़ा में कभी भी ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी पड़ने नहीं दिया।’

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों का सफल इलाज करने वाले चिरायु मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ अजय गोयनका ने इस दौरान कहा कि, ‘कमलनाथ की लीडरशिप में कोरोना के इलाज का काम शुरू किया गया था। अलग-अलग जिलों के 28 हजार कोरोना मरीजों का इलाज किया। चिरायु अस्पताल की टीम मिनिमम मॉर्टेलिटी (न्यूनतम मृत्यु) के साथ काम कर पाई। धन्यवाद देता हूं में कमलनाथ के उस दिन के विजन को कि जब उन्होंने ये तय कर लिया था हम सरकार के माध्यम से कोविड के हर पेशेंट का ट्रीटमेंट करेंगे। बाद में पैकेज हुए और बदले हुए चीफ मिनिस्टर की लीडरशिप में मेरा पैकेज हुआ था।’

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में कोरोना काल के दौरान बड़े पैमाने पर लोगों की मौत हुई। इस दौरान ऑक्सीजन और रेमडिसिवर जैसी दवाओं की कमी भी हुई थी हालांकि यह कमी उस हद तक नहीं हुई जो हो सकती थी। ऐसे में डॉक्टर गोयंका के इस बयान ने पूर्व सीएम कमलनाथ के योगदान को एक बार फिर सार्वजनिक रूप से दिखाया है।



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