धार के आदिवासी वोटरों से कांग्रेस और भाजपा की उम्मीदें, दांव पर है बड़े नेताओं की साख


कांग्रेस का आदिवासी विधानसभा सीटों पर फोकस, भाजपा को धार, बदनावर, महू से उम्मीद
 विधानसभा चुनाव में लोस की 8 में से 3 सीट भाजपा के पास तो 5 सीटें कांग्रेस के पास


आशीष यादव आशीष यादव
लोकसभा चुनाव 2024 Published On :

धार महू लोकसभा में मतदान की तारीख करीब है। अभी प्रत्याशी एक दूसरे पर आरोप – प्रतिआरोप के साथ दिन-रात एक कर गांव व शहर में जनसंपर्क करने में लगे हुए हैं। धार लोकसभा की बात की जाए तो धार लोकसभा किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं है। यहां कांग्रेस पांच विधानसभा सीट जीतकर भाजपा से आगे है तो वहीं भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एवं राम मंदिर के मुद्दे के साथ पार्टी व संगठन दिन रात महेनत कर रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी सावित्री के पक्ष में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सभा की है।इसके अलावा सीएम व राज्यसभा सांसद से लगाकर कही केंद्रीय मंत्री व केबिनेट मंत्री जिले में दिन रात एक कर रहे हैं।

धार लोकसभा की सीटों पर वोटों के गणित से अनुमान लगाया जाए तो कांग्रेस बीजेपी से आगे है। कांग्रेस के प्रत्याशी राधेश्याम मुवेल नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को अपना सारथी बनाकर दिन रात मतदाओं के बीच जा रहे हैं। जनता के बीच बेरोजगारी पलायन के साथ जिले में आदिवासी इलाकों में बड़े उद्योगों का ना होना मतदाताओं के साथ उनकी बातचीत का एक अहम हिस्सा है। हालांकि अब तक मुवेल के पक्ष में भाजपा की तरह कांग्रेस के किसी बड़े नेता की सभा न होना उनके लिए नुकसानदेह दिखाई दे रहा है।

धार, महू और बदनावर से भाजपा को उम्मीद: भारतीय जनता पार्टी को धार लोकसभा चुनाव में चुनाव जीतने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ेगी, भाजपा को धार जिले की ही बदनावर एवं धार विधानसभा सीट के अलावा इंदौर जिले की महू विधानसभा सीट पर बढ़त मिलने की पूरी उम्मीद नजर आ रही है क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा कई दशकों से धार विधानसभा की राजनीति कर रहे हैं। वहीं बदनावर क्षेत्र से भाजपा के पूर्व मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव व जिला अध्यक्ष मनोज सोमानी की साख दांव पर लगी हुई है। हालांकि दत्तीगांव खुद ही विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। वहीं महू विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री उषा ठाकुर हैं और भाजपा को यहां कांग्रेस से तोड़कर लाए गए पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार से काफी उम्मीदें हैं।

इधर कांग्रेस की अगर बात की जाए तो जिले की पांच आदिवासी बाहुल्य विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है और वे इसी के सहारे आगे बढ़ना चाहते हैं। कांग्रेस को इन पांचो विधानसभा सीटों पर अच्छी बढ़त मिलने की उम्मीद है वहीं भाजपा यहां काफी मेहनत कर रही है।

 उमंग सिंघार की साख दांव पर:  धार जिले के आदिवासी नेता उमंग सिघार मध्यप्रदेश कांग्रेस की राजनीति में एक विशेष व्यक्तित्व बनकर उभरे हैं ऐसे में धार लोकसभा सीट पर कांग्रेस को बढ़त दिलाने के लिए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार अपनी जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। धार लोकसभा सीट पर भी उमंग सिंघार के खास समर्थक राधेश्याम मुवेल को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है ऐसे में संपूर्ण लोकसभा क्षेत्र में उमंग के समर्थक एवं अन्य जिलों से आए पर्यवेक्षक राधेश्याम को जिताने के लिए काम कर रहे हैं अगर धार लोकसभा सीट कांग्रेस के पाले में आती है तो निश्चित ही नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का काफी कद बढ़ जाएगा।

धार-महू लोकसभा सीट दोनों ही पार्टियों के लिए वर्चस्व की लड़ाई वाली सीट है इस सीट पर एक जमाने में कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था। मगर यहां समय के साथ मतदाताओं ने दोनों पार्टीयो को मौका दिया है। साल 2014 से यहां लगातार दो बार ने भाजपा चुनाव जीत कर अपने कब्जे में किया। तो अब उम्मीदें कांग्रेस को हैं।

 



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