MP: प्रदेश के 30 से ज्यादा जिलों के किसान संगठनों ने बनाई ‘भारत बंद’ को सफल बनाने की योजना


पूर्व विधायक और किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. सुनीलम ने कहा कि, दिल्ली को 5 लाख किसानों ने 11 दिन से घेर रखा है। केंद्र सरकार के साथ 5 बेनतीजा मीटिंग हुई है। किसान कानून रद्द कराने के कम पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं है। आंदोलन को व्यापकता देने के लिए भारत बन्द का आवाहन किया गया है ,जिसको सभी राज्यों में जबरजस्त समर्थन मिल रहा है।


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घर की बात Published On :

इंदौर। मध्य प्रदेश किसान संघर्ष समन्वय समिति कि जूम मीटिंग समिति के कन्वीनर बादल सरोज की अध्यक्षता में बाबा साहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि देकर शुरू की गई। जूम मीटिंग में 30 से ज्यादा जिलों के साथियों ने हिस्सा लिया तथा अपने-अपने जिलों में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी।

बादल सरोज ने कहा कि, देश के अभूतपूर्व किसान आंदोलन के समर्थन में 8 दिसंबर को होने वाले भारत बंद को लेकर मध्यप्रदेश में भी अभूतपूर्व उत्साह है और कई जिलों में 8 दिसंबर को व्यापक कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई है। बादल सरोज ने बताया कि मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। डेढ़ हजार से ज्यादा लोग दिल्ली में अभी भी डटे हुए हैं।

पूर्व विधायक और किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. सुनीलम ने कहा कि, दिल्ली को 5 लाख किसानों ने 11 दिन से घेर रखा है। केंद्र सरकार के साथ 5 बेनतीजा मीटिंग हुई है। किसान कानून रद्द कराने के कम पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं है। आंदोलन को व्यापकता देने के लिए भारत बन्द का आवाहन किया गया है ,जिसको सभी राज्यों में जबरजस्त समर्थन मिल रहा है।

पूरे मध्य प्रदेश में बंद को सफल बनाने के लिए व्यापक रूप से सभी साथी किसान व्यापारी, ट्रांसपोर्ट, नागरिक, वकील और जनसंगठनों से बात कर शहर और गांव बन्द कराएं, रैली, धरना, आमसभा, प्रेस कांफ्रेंस, किसान पंचायत का आयोजन करने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसा कोई जिला नहीं बचेगा जहां कार्यक्रम नहीं होगा। डॉ. सुनीलम ने कहा कि देश मे लगातार विरोध कार्यक्रम हो रहे हैं तथा 8 दिसंबर के भी बंद को लेकर अभूतपूर्व उत्साह है।

देश के श्रमिक संगठनों ने भी बन्द का समर्थन किया है। कई वामपंथी एवम क्षेत्रीय पार्टियों ने भी बन्द के समर्थन की घोषणा की है। यह बन्द अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय सामिति, संयुक्त किसान मोर्चा, राकेश टिकैत से जुड़े किसान यूनियन सहित 500 से अधिक किसान सँगठनों द्वारा मिलकर किया जा रहा है । यह खेती, किसानी और गांव को कॉरपोरेटीकरण से बचाने का संघर्ष है।

इंदौर के किसान खेत मजदूर संगठन के प्रमोद नामदेव ने बताया कि इंदौर में 24 तारीख से संयुक्त रूप से लगातार आयोजन हो रहे हैं। इंदौर के ही किसान संघर्ष समिति के रामस्वरूप मंत्री ने बताया कि लगातार कार्यक्रमों से इंदौर शहर में व्यापक माहौल बना है 7 दिसम्बर को इंदौर के व्यापारिक संगठनों से सभी सामूहिक रूप से संपर्क करेंगे और 8 दिसंबर को शहर में अलग-अलग इलाकों से जत्थे निकलेंगे जो सांसद शंकर ललवानी जी के निवास पर प्रदर्शन करेंगे।

विदिशा के राहुल राज ने बताया कि भोपाल में बंद को कामयाब बनाने के लिए विभिन्न किसान संगठन और अन्य संगठन सक्रिय हो चुके हैं तथा 8 दिसंबर को शहर में बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने का प्रयास है।

मुरैना के अशोक तिवारी ने कहा कि मुरैना में 8 दिसंबर के बंद के लिए लगातार मीटिंग हो रही है तथा बड़ी रैली करने की योजना बनाई गई है। रीवा के इंद्रजीत सिंह और शिवजीत सिंह ने बताया कि 8 दिसंबर को 100 ट्रैक्टरों के साथ में बड़ी वाहन रैली निकलेगी। जबलपुर के रामनारायण कुररिया ने बताया कि किसान सभा और अन्य संगठनों के साथ मिलकर 8 दिसंबर के बंद को सफल बनाया जाएगा। जबलपुर के राजकुमार सिन्हा ने बताया कि सिवनी मंडला बालाघाट आदि में मीटिंग चल रही हैं। मंडला के पिनचई गांव में 25 गांव की मीटिंग बुलाई गई है  जहां भारत बंद का समर्थन किया जाएगा। हरदा के योगेश तिवारी ने भी 8 दिसंबर के बंद को सफल बनाने की तैयारी की जानकारी दी।

मुलताई के भागवत परिहार ने बताया कि मुलताई और बेतूल में कार्यक्रम होंगे मुलताई में जुलूस निकालकर ज्ञापन दिया जाएगा सिवनी के शिवम बघेल ने कहा कि, वह अन्य संगठनों से मिलकर भाजपा के आईटी सेल के झूठ का पर्दाफाश कर रहे हैं। कर्यक्रम भी होगा।

बादल सरोज  ने बताया कि ग्वालियर में भी 8 दिसंबर की तैयारी के लिए मीटिंग हो रही है। गुना में भी मनीष श्रीवास्तव और किसान खेत मजदूर संगठन के साथियों के नेतृत्व में संयुक्त कार्यक्रम होंगे। कटनी, मंदसौर,पीतमपुर ,मनावर, पिपरिया, सागर, बेगमगंज अनूपपुर, जयसिंहनगर, शहडोल, मंडीदीप, आदि में भी कार्यक्रम तय हो चुके हैं तथा बंद को कामयाब बनाने की कोशिशें हो रही है। किसान नेताओं ने प्रदेश के आम नागरिकों से अपील की है कि वे अन्नदाता की न्यायोचित संघर्ष में साथ दें।

(विज्ञप्ति: रामस्वरूप मंत्री द्वारा अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के ओर से जारी)



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