छतरपुर। केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ छतरपुर में भी समाजसेवी व ग्रामीण अधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमित भटनागर के नेतृत्व में शहर के छत्रसाल चौक पर अनिश्चितकालीन धरना नौंवे दिन भी जारी रहा।
यहां 13 जनवरी से चल रहे किसानों के धरने को गुरुवार को नौ दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन की अमानवीयता के कारण खुले आसमान के नीचे धरना करना पड़ रहा है। जहां प्रशासन पूरे मामले में असंवेदनशील बना हुआ है, वहीं किसान भी पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं।
खुले आसमान के नीचे तेज़ सर्दी में नौवें दिन भी किसानों का धरना जारी रहा। कपकपाती सर्दी में खुले आसमान के नीचे धरने के कारण लगातार किसानों की तबियत खराब हो रही है।
धरना कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए अमित भटनागर ने सरकार को किसान व देश विरोधी करार देते हुए कहा कि
सरकार ने जो कृषि कानून पास किए हैं उससे किसान अपने ही खेत मे बंधुआ मजदूर बन जाएगा। इन कानूनों से केवल देश के किसानो को ही नुकसान नहीं है, बल्कि इस देश के अंदर जो भी व्यक्ति अन्न खाकर जिंदा है, उसकी थाली पर भी इसका असर पड़ेगा।
बगौता के पूर्व सरपंच गणेश सिंह ने जिले में किसानों की स्थिति पर प्रकाश डाला। अधिकारियों की तानाशाही पर तंज कसते हुए उन्होंने गांव-गांव में किसानों के संगठन की बात पर जोर दिया।

इस मौके पर प्राकृतिक चिकित्सक दिनेश मिश्रा, बालक पटेल ने भी अपनी बात रखी। धरने में मुख्य रूप से सोना आदिवासी, कवि मानिक लाल, राजेन्द्र गुप्ता योगी, साक्षी आदिवासी, बालादीन पटेल, हिसाबी राजपूत, प्रभु यादव, दरवारी लाल पटेल, रामस्वरूप पटेल, तुलसी आदिवासी, राकेश तिवारी, धन्नी अहिरवार आदि मुख्य रूप से बैठे हुए हैं।


















