राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही महिलाएं चाहती हैं अपने बच्चे को जन्म देना, डॉक्टरों की सलाह “जान से न खेलें”


कई प्रसूताओं ने 22 जनवरी को ही बच्चे को जन्म देने की मांग डॉक्टरों के सामने रख दी है और डॉक्टर उन्हें समझा रहे हैं कि ईश्वर की इच्छा के अलावा किसी भी दिन जन्म लेने से किसी का भाग्य नहीं बदलता।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
धार Updated On :

अयोध्या में बन रहे मंदिर में राम मूर्ति स्थापना के ऐतिहासिक दिन को कई महिलाएं अपने जीवन में भी ऐतिहासिक बनाना चाहती हैं। शहर की कई महिला चिकित्सकों के पास गर्भवती महिलाओं ने अपनी मांग रखी है कि वह उनकी प्रसुति 22 जनवरी को करवाएं ताकि उनका दिन ऐतिहासिक हो जाए।

देशभर में 22 जनवरी का दिन ऐतिहासिक दिन के रूप में मनाया जा रहा है इसके लिए काफी तैयारी की जा रही है लेकिन इस 28 दिन का असर अब चिकित्सा के क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है। गर्भवती महिलाएं 22 जनवरी के दिन को अपने जीवन और अपने यहां आने वाले नए मेहमान के जीवन का ऐतिहासिक दिन बनाना चाहती है।

जानकारी के अनुसार महू शहर में निजी महिला चिकित्सकों के पास ऐसी कई महिलाओं ने अपनी मांग रखी है कि उनकी प्रस्तुति 22 जनवरी के दिन कराई जाए ताकि यह देर उनके और उनके आने वाले नए मेहमान के लिए यादगार बन जाए।

इसके लिए कुछ महिलाएं तो अपनी जान का खतरा मोल लेने को भी लिए तैयार हैं लेकिन महिला की चिकित्सकों ने उन्हें ऐसा न करने की सलाह दी है। प्रसिद्ध महिला चिकित्सक डॉ रश्मि चौहान ने बताया कि उनके पास विगत दो दिनों से अनेक महिलाएं जुनून जिनकी प्रस्तुति 20, 21 और 22 जनवरी को होनी है लेकिन उन्होंने मांग रखी कि किसी तरह इस प्रस्तुति को आगे बढ़कर 22 जनवरी के दिन कराई जाए जबकि कुछ ऐसी गर्भवती महिलाएं भी हैं जिनकी प्रस्तुति की तारीख 24, 25, 26 और 27 जनवरी को है उन्होंने भी ऐसी ही मांग रखी है कि वे कुछ दिन पहले प्रसुति करवाई इसके लिए चाहे उन्हें ऑपरेशन ही क्यों न करना पड़े।

वहीं एक और प्रसिद्ध महिला चिकित्सक जय गुप्ता ने भी इसी प्रकार की बात की। उन्होंने बताया कि उनके पास भी कुछ महिलाओं ने 22 जनवरी के दिन प्रस्तुति करवाने की मांग की है।

इन महिला चिकित्सों का कहना है कि उन्होंने गर्भवती महिलाओं को अपनी ओर से राय दी की भी ऐसा ना करवाएं क्योंकि जिस दिन भगवान ने नवजात शिशु के जन्म लेने का दिन तय कर रखा है उसी दिन करवाएं, अपने मन से अपने बच्चे का जन्म तय करने से किसी का भाग्य नहीं चमकने वाला।

इन महिला चित्र बताया कि जिन गर्भवती महिलाओं की तारीख 22 जनवरी से पहले है उन्हें 2 दिन बाद प्रस्तुति करना यानी किसी एक की जान को खतरे में डालना है क्योंकि सामान्य बच्चों को ज्यादा समय तक गर्भ में नहीं रखा जा सकता वहीं जिन गर्भवती महिलाओं की तारीख 22 जनवरी के बाद की है उनका ऑपरेशन का प्रस्तुति करवाई तो जा सकती है लेकिन यह उचित नहीं है वहीं दूसरी ओर इन महिला चिकित्सकों ने बताया कि कुछ ऐसी भी महिलाएं उनके पास आई जिनकी पहली प्रस्तुति सामान्य हुई थी लेकिन 22 जनवरी के कारण अपनी दूसरी प्रसूति के लिए ऑपरेशन तक करवाने को तैयार है जो कि ठीक नहीं है।

कुछ महिलाओं की तो पहली प्रसूति है लेकिन वह भी 22 जनवरी को यादगार दिन बनाने के लिए ऑपरेशन तक करवाने का कह रही हैं। इन दोनों महिला चिकित्सकों ने बताया कि उन्होंने महिलाओं को अपनी ओर से यही राय दी है कि वह ऐसा ना करवाएं ऐसा करने से नवजात शिशु का भाग्य नहीं बदल सकता।

उनका कहना है कि सदियों पूर्व जब राम का जन्म हुआ था तब उसी दिन और इस समय दुनिया में लाखों बच्चों ने जन्म लिया था लेकिन वह राम नहीं बने राम अपने कर्मों से बनते हैं और 22 जनवरी को मंदिर का नवनिर्माण हुआ है ना कि राम का जन्म।



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