एमपी विधानसभा चुनाव 2023: धार में अपने ही ‘नाराज़’ बिगाड़ सकते हैं दोनों दलों का खेल


भाजपा-कांग्रेस के नेता अपने यहां टिकट वितरण से हैं नाराज, बागी होकर चुनाव लड़ने का शंखनाद!


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

विधानसभा जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे पार्टी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वालों के चेहरे भी सामने आ रहे हैं निर्दलीयों ने इस बार जिले में अपनी ताल ठोकी है।

बता दें कि कुछ निर्दलीय  ऐसे मजबूत दावेदार हैं जो पार्टी के प्रत्याशियों को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस तरह के निर्दलीय  इस बार मैदान में उतरने वाले हैं।

दोनों ही पार्टी अपने-अपने प्रत्‍याशी तय कर चुकी हैं। अब नामांकन का सिलसिला शुरू होगा लेकिन नाम वापसी के पहले अपनों को मनाने की भी चुनौती से निपटना होगा।

आसान नही  प्रत्याशियों की राह:
भाजपा – कांग्रेस ने धार जिले की सभी सीटों पर प्रत्‍याशी तय कर दिए है। इस टिकट वितरण के बाद भाजपा व कांग्रेस नेताओं की नाराजगी भी देखने को मिली है। जिले की सात में चार सीटों पर फिलहाल कांग्रेस के लिए चुनौतियां नहीं है। लेकिन तीन सीट ऐसी है, जहां पर कांग्रेस के अपने नेता ही खुलकर मैदान में आने का शंखनाद कर चुके है। इनमें धार और धरमपुरी व बदनावर में कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं की बगावत कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। लेकिन धार, धरमपुरी बदनावर में यह विरोध पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है जबकि मनावर में भीतरघात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

भाजपा के लिए धार भी इस बार आसान नहीं है। वहीं धार विधानसभा बीजेपी का गढ़ रही है मगर इस बार निर्दलीय चुनाव मैदान में पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव यादव उतरने वाले हैं क्योंकि कहीं वरिष्ठ नेता लगातार एक ही परिवार के सदस्यों को लगातार टिकट दिए जाने से नाराज हैं।

इस बार आदिवासी सीट पर मनावर से रंजना बघेल का टिकट काटकर पार्टी  वहां से युवा चेहरा शिवराम कन्नौज को प्रत्याशी बनाया है क्योंकि रंजना बघेल बीजेपी की आदिवासी नेत्री में से एक कद्दावर नेता मानी जाती हैं और उन्होंने पूर्व में कांग्रेस की उपमुख्यमंत्री जमुना देवी को हराया था।

टिकट वितरण को लेकर रंजना बघेल ने कई बड़े नेताओं पर आरोप भी लगाए और अगर अब वे मनावर से निर्दलीय चुनाव लड़ती हैं तो बीजेपी के लिए बड़ी मुसीबत बनकर सामने आएगी वहीं रंजना बघेल का प्रभाव आसपास की 5 से 6 सीटों पर है।

धार विधानसभा :
प्रदेश कांग्रेस सचिव कुलदीप सिंह बुंदेला धार विधानसभा से दावेदारी कर रहे थे। लेकिन पार्टी ने उन्‍हें टिकट नहीं देते हुए प्रभा गौतम को टिकट दिया है। टिकट कटने से नाराज बुंदेला अब बगावत पर उतर आए है। उन्‍होंने शनिवार को अपने बंगले पर कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी बैठक की। इस बैठक के बाद उन्‍होंने मीडिया के सामने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। इसमें उन्‍होंने साफ किया है कि कोई भी प्रदेश स्‍तरीय नेता आ जाए लेकिन इस बार चुनाव मैदान से पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि बीते तीन विधानसभा चुनाव में भी लगातार वे पार्टी से टिकट की मांग करते आए है। लेकिन पार्टी से टिकट नहीं मिल पाया। ऐसे में तीनों ही विधानसभा चुनावों में जब कांग्रेस के अधिकृत प्रत्‍याशी हारे तो भीतरघात का आरोप बुंदेला पर ही लगा। इस बार नाम वापसी के बाद भी यदि बुंदेला चुनाव मैदान में रहते है तो कांग्रेस के लिए भीतरघात की परेशानी खत्‍म हो जाएगी। लेकिन मुकाबला त्रिकोणीय होने से जीत-हार दिलचस्‍प हो जाएगी।

धरमपुरी सीट :
इसी तरह धरमपुरी विधानसभा सीट पर भी बगावत के बादल छाए हुए है। कांग्रेस विधायक होने के बाद भी मैदानी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण टिकट की दौड़ में धरमपुरी विधायक पांचीलाल मेड़ा शुरूआत में काफी पिछड़े हुए थे। लेकिन फिर उन्‍हें पार्टी ने टिकट देकर प्रत्‍याशी बना दिया। इसके बाद धरमपुरी सीट पर विरोध बढ़ गया। जिला पंचायत सदस्‍य राजू बेन चौहान यहां से टिकट मांग रहीं थी। लेकिन पार्टी ने उन्‍हें दरकिनार किया। अब वे निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। राजू बेन चौहान  से बातचीत के दौरान निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं नहीं है। शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और रोजगार प्रमुख मुद्दे भी है और परेशानी भी है। इन्‍हें दूर करने के लिए मैं चुनाव मैदान में उतरूंगी। बता दें कि राजू बेन चौहान ने जिला पंचायत चुनाव निर्दलीय प्रत्‍याशी के तौर पर लड़कर जीत दर्ज की थी।

बदनावर विधानसभा :
बदनावर विधानसभा सीट पर भी निर्दलीय के चुनाव लड़ने की स्थिति बन रही है। यहां से कांग्रेस के अभिषेक सिंह टिंकू बन्ना चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके है। दरअसल बदनावर उपचुनाव में पार्टी ने टिंकू बना को टिकट दिया था। लेकिन कुछ ही घंटों के बाद टिंकू बना का टिकट कट गया और उपचुनाव में पार्टी ने वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता कमल पटेल को उम्‍मीदवार बना दिया था। इस बार टिंकू बन्ना कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे। लेकिन टिकट की रेस में स्थिति कमजोर होने के कारण वे पैनल से ही बाहर हो गए। इससे नाराज अब टिंकू बन्ना निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की तैयारी कर रहे है।

धार व मनावर में भाजपा का विरोध:
भाजपा के राजीव यादव व रंजना बघेल भी लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव वही धार विधनसभा से लंबे समय से एक परिवार के लोगों द्वारा ही चुनाव लड़ने को लेकर एक निजी गार्डन में हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ पूर्व विधायक, पूर्व जिला अध्यक्ष, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष व कई बड़े नेताओं ने बैठक रखी जिसमें खुलकर नीना विक्रम वर्मा का विरोध देखने को मिला वहीं विशिष्ट नेताओं ने यह तक कह दिया कि समय रहते अगर पार्टी प्रत्याशी नहीं बदलती तो हम राजीव यादव को मैदान में उतर कर निर्दलीय चुनाव लड़वायेंगे हम सालों से बाहरी व्यक्ति को यहां से जितवाते आए हैं मगर इस बार ऐसा नहीं चलेगा। उधर मनावर से रंजना बघेल ने भी चुनाव लड़ने की ताल ठोकी है। टिकट वितरण को लेकर रंजना बघेल ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए पार्टी के आलाकमान के साथ विजयवर्गीय पर टिकट कटवाने का आरोप लगाया है। मनावर से निर्दलीय चुनाव को लेकर रंजना बघेल ने नामांकन फार्म भी खरीद लिया है।



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