ड्रोन से हो रहा सर्वे, ऑनलाइन दिखेंगे मकान-प्लॉट में ग्रामीणों के मालिकाना हक


स्वामित्व योजना से गांव में प्रत्येक संपत्ति धारक को संपत्ति का प्रमाणपत्र एवं भूमि स्वामित्व का प्रमाणपत्र पंचायत द्वारा दिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार यंत्रों (ड्रोन) के माध्यम से सर्वे होने से अभिलेख निर्माण शीघ्रता से एवं शुद्धता के साथ होगा।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
dhar drone survey

धार। जिले में जमीन विवाद को जड़ से समाप्त करने और गरीबों को आसानी से बैंकों से कर्ज मुहैया कराने के लिए सरकार की स्वामित्व योजना के तहत 1274 गांवों में आबादी वाले क्षेत्र में सर्वे कार्य किया जा रहा है।

अभी तक 620 गांवों में सर्वे का कार्य पूर्ण हो गया है। जिले का अधिकांश क्षेत्रफल जंगल और पहाड़ों से आच्छादित होने के नाते भूमि विवाद ज्यादा है। विभिन्न न्यायालयों में सरकारी जमीनों पर कब्जे को लेकर हजारों मुकदमे चल रहे हैं।

आबादी की जमीनों पर मकान बनाकर गुजर-बसर करने वाले बैंकों से कर्ज लेकर रोजगार तक नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि उनके पास मकान के कागजात उपलब्ध नहीं हैं।

स्वामित्व योजना के तहत आबादी की भूमि के सर्वे का काम जिले में तेजी से चल रहा है, ताकि भूमि का चिह्नांकन कर उसके स्वामित्व की घरौनी का वितरण जल्द संबंधितों को किया जा सके।

शासन के निर्देश पर ड्रोन से सर्वे की प्रक्रिया चल रही है। सर्वे ऑफ इंडिया की मदद से ग्रामों में आबादी क्षेत्र के ड्रोन की सहायता से नक्शे बनाए जा रहे हैं। घर-घर जाकर सर्वे के आधार पर अधिकार अभिलेख तैयार किए जा रहे हैं।

इससे प्रत्येक संपत्तिधारक को संपत्ति का प्रमाण पत्र और भू-स्वामित्व मिलेगा। इससे उनके लिए अपनी भूसंपदा या मकान पर बैंक से कर्ज लेना सरल होगा। इस अभियान से सार्वजनिक उपयोग की संपत्ति (रास्ते, स्कूल, खेल मैदान, पंचायत भूमि, निस्तार भूमि) आदि भी सुरक्षित होने के साथ सीमाएं तय होंगी।

आबादी सर्वे का ऑनलाइन डाटा अपडेट किया जाएगा। संपत्ति प्रमाणपत्र खो जाने या नष्ट होने पर ऑनलाइन दूसरी प्रति निकाली जा सकेगी।

जमीन संबंधी विवाद में निराकरण आसानी से किया जा सकेगा –

जिले में भू-अभिलेख विभाग केंद्रीय स्वामित्व योजना के अंतर्गत आबादी भूमि के गांवों का ड्रोन के जरिये हो रहे सर्वे के बाद ग्रामीणों के मकान-बाड़े, प्लाट की एंट्री हो रही और नक्शे बन रहे हैं। इसकी शुरुआत जिले के सरदारपुर बदनावर, कुक्षी, डही तहसील में पूर्ण हो गई है व धार तहसील में अभी सर्वे चल रहा है।

कुल आबादी वाले 575 गांवों में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। स्वामित्व योजना में जो जहां पर रह रहा है, उसे भूखंड-मकान के स्वामित्व का प्रमाणपत्र मिलेगा। इसके जरिये बैंक से लोन लेना भी आसान होगा।

संपत्तियों के पारिवारिक हिस्सा-बांट, हस्तांतरण, नामांतरण-बंटवारे करना भी आपस में आसान हो जाएंगे। सबसे खास बात ये है कि इस योजना के परिपालन के उपरांत संपत्तियों से संबंधित पारिवारिक विवाद कम होंगे।

यह है स्वामित्व योजना –

गत वर्ष पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामित्व योजना शुरू की थी। योजना के तहत गांवों में लोगों को उनकी आवासीय जमीन का मालिकाना हक दिया जाना है।

किसानों और ग्रामीणों को उनकी जमीन का हक दिलाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे पहले पुरानी व्यवस्था में गांव में खेती की जमीन का रिकॉर्ड तो रखा जाता था, लेकिन मकानों पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता था।

सभी तहसीलों के आबादी ग्रामों के बनेंगे अभिलेख –

जिले के सभी सातों तहसीलों के आबादी ग्रामों के ड्रोन फ्लाई सर्वे का कार्य होगा जिससे पूरे जिले के मकानों-बाड़ों व निजी-सरकारी जमीनों सहित शासकीय भवनों, संपत्तियों का अभिलेख तैयार हो जाएगा।

डाटाबेस के जरिये पंचायत स्तर पर संपत्ति रजिस्टर बनाए जाएंगे। इसमें भूमि-स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को फायदा मिलने लगेगा। उनके संपत्ति संबंधी कार्य, समस्याएं और शिकायतों के निराकरण में आसानी रहेगी। पंचायतों को भी संपत्ति टैक्स लेने में आसानी रहेगी।

दावा-आपत्तियों के लिए भी दिया जाएगा समय –

सरकार द्वारा जिस भी गांव का सर्वे कराया जाएगा उस गांव के नागरिकों को पहले से सूचना दी जाएगी जिससे कि वह सभी लोग जो गांव से बाहर हैं वह सर्वे वाले दिन गांव में उपस्थित हो सकें। प्रशासनिक कर्मचारियों द्वारा गांव का पूरा नक्शा तैयार किया जाएगा।

इसके बाद उन सभी नागरिकों को जिनके नाम पर जमीन है उनके नाम की जानकारी पूरे गांव को दी जाएगी। वह सभी नागरिक जिन्हें अपनी आपत्ति दर्ज करानी है वह कम से कम 15 दिन तथा अधिक से अधिक 40 दिन के भीतर अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं।

वह सभी गांव जहां पर कोई भी आपत्ति नहीं आती है वह राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा जमीन के कागजात जमीन के मालिक को प्रदान कर दिए जाएंगे। किसी विसंगति की स्थिति में कानूनी प्रक्रिया के अनुसार संशोधन किया जाएगा।

चूने की मार्किंग कर ड्रोन से फोटो लेंगे –

मकानों का ड्रोन से सर्वे करने से पहले वहां पर राजस्व अमला चूने से मार्किंग करेगा। इस सर्वे की प्रक्रिया के दौरान ग्राम पंचायत के सदस्य, राजस्व विभाग के अधिकारी, गांव के जमीन मालिक तथा पुलिस की टीम मौजूद रहेगी, जिससे कि लोगों की आपसी सहमति से उन्हें अपने दावे की जमीन प्रदान की जा सके।

सहमति के आधार पर ही नक्शा तैयार किया जाएगा। कई जगह ऐसी स्थितियां आएंगी कि एक ही मकान में दो या तीन परिवार रह रहे हैं। ऐसे में उनके हिस्से अलग-अलग कर स्वामित्व दिया जाएगा। सभी का डाटा डिजिटाइड हो जाएगा।

ग्राम पंचायतों की आय बढ़ेगी –

स्वामित्व योजना में आबादी सर्वे से ग्राम पंचायतों के संपत्ति रजिस्टर तैयार होंगे इससे ग्राम पंचायत की स्थाई आय की व्यवस्था होगी। ग्राम पंचायत को उसके क्षेत्राधिकार में संपत्ति धारण करने वालों की जानकारी से समग्र आईडी डाटा से उपलब्ध रहने पर ग्राम विकास की योजना बनाने में सुविधा होगी।

ग्राम पंचायत की सम्पत्ति, शासकीय व सार्वजनिक सम्पत्ति की सीमा एवं क्षेत्रफल निश्चित होने से उनका रखरखाव किया जा सकेगा और उनसे संबंधित सीमा विवाद में कमी आएगी। सभी संपत्ति की सीमा एवं क्षेत्रफल सुनिश्चित होने से गांव में निजी सम्पत्ति के विवाद कम होंगे।

कर वसूली कर आत्मनिर्भर बनेंगी पंचायतें –

सर्वे में भूमि की सीमा तय होने पर विवाद की स्थिति न हो इसके लिए सौहार्दपूर्ण माहौल बनाना होगा। इस नक्शे के बाद अतिक्रमण स्वतः ही सामने आ जाएगा और जिसकी जितनी जमीन है उसके नाम नक्शे में उतनी ही शामिल रहेगी। नक्शे के आधार पर पंचायत कर वसूली करते हुए आत्मनिर्भर बन सकेंगी।

भूमिस्वामी को पंचायत प्रमाणपत्र बनाकर देगी –

स्वामित्व योजना से गांव में प्रत्येक संपत्ति धारक को संपत्ति का प्रमाणपत्र एवं भूमि स्वामित्व का प्रमाणपत्र पंचायत द्वारा दिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार यंत्रों (ड्रोन) के माध्यम से सर्वे होने से अभिलेख निर्माण शीघ्रता से एवं शुद्धता के साथ होगा।

सार्वजनिक उपयोग की सम्पत्ति का संरक्षण होगा। रास्ते, ग्राम पंचायत की खुली जगह, नाले, सरोवर इनकी सीमाऐं निश्चित होंगे जिनसे उनका उपयोग भी सुनिश्चित हो सकेगा। सम्पत्ति का प्रमाणपत्र प्राप्त होने से मकान पर बैंक से कर्ज लेना आसान होगा।

ड्रोन सर्वे के लिये पंचायत को पांच हजार की राशि –

सीईओ सौरभ सिंह कुशवाह ने बताया कि इस कार्य के लिये प्रत्येक ग्राम को 5000 रुपये शासन द्वारा प्रदान की गई है। अभिलेख निर्माण के लिये प्रत्येक ग्राम को 7500 रुपये की राशि शासन द्वारा दी जाएगी।

ड्रोन सर्वे के लिये प्रदेश स्तर, जिला स्तर, तहसील स्तर एवं ग्राम स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। वही एक ग्राम पंचायत में खड़े होकर ड्रोन से आसपास के 12 किलोमीटर के दायरे मे आने वाले गांव ड्रोन से सर्वे किया जा सकता है।

सर्वे से पहले यह कार्य करने होंगे

– आबादी सर्वेक्षण के लिए निर्धारित तिथि से पहले गांव वालों को सार्वजनिक सूचना दी जाएगी।
– पटवारी आबादी भूमि की बाह्य सीमा को चूने से मार्किंग करेंगे।
– संपत्ति के साथ लगे खुले क्षेत्र की सीमाएं संबंधित संपत्ति मालिक से चिन्हित कराई जाएंगी।
– संपत्ति की सीमाएं चिन्हित करते समय यदि कोई विवाद पैदा होता है तो ग्राम स्तरीय समिति के सहयोग से उसे हल किया जाएगा।
– शासकीय और सार्वजनिक उपयोग की ग्राम पंचायत की संपत्तियों का भी चिन्हांकन होगा।
– सर्वे में केवल उन संपत्तियों के अधिकार को शामिल किया जाएगा जो 25 सितंबर 2018 के पूर्व उपयोग कर रहे थे।
– पटवारी, पंचायत सचिव, कोटवार घर-घर संपर्क कर संपत्ति अधिकार के दस्तावेज में प्लाट की जानकारी भरेंगे।
– अधिकार के दस्तावेज के रखरखाव के लिए समग्र आइडी का उपयोग प्राथमिकता से किया जाएगा। मोबाइल नंबर, ई-मेल और आधार नंबर जैसी जानकारियां भी संकलित की जाएंगी।

जल्दी ही जिलेभर में होगा सर्वे –

जिले में धार के ग्रामीण क्षेत्र में आबादी सर्वे किया जा रहा है जिसमे सरदारपुर, बदनावर, कुक्षी, डही सर्वे पूर्ण हो गया है व धार तहसील में चल रहा है। बचे हुए जगह जल्द ही सर्वे होगा व बाद में स्वामित्व योजना में संपत्तिधारक को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे। – आरएस धाकड़, अधीक्षक, भू-अभिलेख, धार



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