इंदौरः संगठनों ने किया कृषि कानूनों का विरोध, आंदोलन में मारे गए किसानों को दी श्रद्धांजलि


रीगल तिराहे पर काफी संख्या में संगठनों से जुड़े सदस्य मौजूद रहे। जिन्होंने केंद्र सरकार और कृषि बिलों के विरोध में नारे लगाए। श्रंखला में शामिल लोग अपने हाथों में तख़्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।


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घर की बात Updated On :

इंदौर। विवादित कृषि बिलों को लेकर प्रदेश से भले ही बड़ी ख़बरें न बन रहीं हों लेकिन यहां भी विरोध सुलग रहा है। प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर में ही पिछले काफी दिनों से कई संगठन कृषि बिलों का विरोध कर रहे हैं। गुरुवार को किसान आंदोलन के समर्थन में गांधी प्रतिमा तिराहे पर विरोध प्रदर्शन किया गया। यहां मानव श्रंखला बनाकर आदोंलन में मारे गए किसानों को अपनी श्रद्धांजलि दी।

इस प्रदर्शन में रीगल तिराहे पर काफी संख्या में संगठनों से जुड़े सदस्य मौजूद रहे। जिन्होंने केंद्र सरकार और कृषि बिलों के विरोध में नारे लगाए। श्रंखला में शामिल लोग अपने हाथों में तख़्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। जिन पर दिल्ली के आसपास चल रहे किसान आंदोलन में मारे गए किसानों की तस्वीरें थीं।

इस प्रदर्शन का आव्हान कई किसान और मज़दूर संगठनों ने मिलकर किया था। इनमें  संयुक्त ट्रेड यूनियन काउंसिल, सिटी ट्रेड यूनियन काउंसिल, इंटक, एटक, सीटू, किसान संघर्ष समिति ,अखिल भारतीय किसान सभा, खेत मजदूर संगठन, बैंक ,बीमा कर्मचारी संगठन ,अखिल भारतीय शांति एकजुटता संगठन ,डाकतार कर्मचारी संगठन आदि शामिल रहे।

यह प्रदर्शन काफी देर तक चलता रहा। यहां संगठनों ने  केंद्र सरकार द्वारा लाए गए श्रम कानूनों का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह कानून पूंजीपतियों को सुरक्षा देने के लिए लाए जा रहे हैं।

प्रदर्शन के दौरान श्याम सुंदर यादव, आलोक खरे, अरविंद पोरवाल एस के दुबे, कैलाश लिंबोदिया, रामस्वरूप मंत्री, अरुण चौहान, अजय यादव आदि ने संबोधित किया।  प्रदर्शन में प्रमुख रूप से सोहनलाल शिंदे, भरत सिंह यादव ,छेदी लाल यादव, रजनीश जैन, सत्यनारायण वर्मा, अंचल सक्सेना, अकबर अहमद, राजेश यादव , कैलाश कुशवाहा,  अजित पवार, नेहा दुबे , शफी शेख,  शाहीद भाई, भागीरथ कछवाय, सुरेश उपाध्याय सहित कई लोग मौजूद रहे।



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