महू के अभिषेक यादव ने दरवा पास फतह किया, बछेंद्री पाल के साथ 13,300 फीट की ऊंचाई पर चढ़ाई


महू के अभिषेक यादव ने Disom यात्रा के तहत बछेंद्री पाल के साथ उत्तरकाशी स्थित दरवा पास (13,300 फीट) को 6 दिन में सफलतापूर्वक फतह किया। यह उनका पहला राष्ट्रीय ट्रेकिंग अभियान था।


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इन्दौर Published On :

मध्यप्रदेश के महू से निकलकर देश की ऊंची चोटियों तक पहुंचने वाले युवा अभिषेक यादव ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने हाल ही में भारत की पहली महिला एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल के साथ उत्तराखंड के दरवा पास को फतह किया। यह ट्रेक समुद्र तल से करीब 13,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और इसे पार करना किसी चुनौती से कम नहीं होता।

 

यह ट्रेकिंग अभियान टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की ओर से आयोजित Disom यात्रा का हिस्सा था। इस यात्रा का मकसद देशभर के युवाओं को साहसिक अभियानों के जरिए नेतृत्व, आत्मविश्वास और टीमवर्क की भावना सिखाना है। अभिषेक इस अभियान में चुने गए कुछ विशेष युवाओं में से एक थे, जिन्होंने इस कठिन ट्रेक को 6 दिनों में पूरा किया।

 

पहली बड़ी पहचान

यह ट्रेक अभिषेक यादव की पहली राष्ट्रीय स्तर की साहसिक उपलब्धि है। इससे पहले वे स्थानीय स्तर पर सक्रिय रहे, लेकिन यह पहली बार है जब उन्हें पूरे देश में एक बड़े ट्रेकिंग अभियान का हिस्सा बनने और खुद को साबित करने का मौका मिला। इसी के साथ अभिषेक ने अपनी पहचान एक ट्रेकर और प्रेरणादायक युवा के रूप में बना ली है।

 

क्या है दरवा पास ट्रेक

दरवा पास उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए ट्रेकर्स को पहले डोडीताल झील तक जाना होता है, जो लगभग 10,000 फीट पर है। वहां से दरवा पास की चढ़ाई और भी कठिन हो जाती है। रास्ता पत्थरीला, बर्फीला और कई जगहों पर बेहद खतरनाक होता है। मौसम अचानक बदलता है और ऑक्सीजन की भी कमी होती है।

 

अभिषेक बोले – यह यात्रा मेरे जीवन की सबसे बड़ी सीख थी

देशगांव से बातचीत में अभिषेक यादव ने बताया, “यह सिर्फ एक ट्रेक नहीं था, यह खुद को पहचानने और अपनी हदें पार करने का अनुभव था। जब बछेंद्री पाल जैसे लोग आपके साथ हों, तो हर मुश्किल आसान लगती है।”

उन्होंने आगे कहा कि इस यात्रा ने उन्हें न सिर्फ मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाया, बल्कि नई दिशा भी दी।

 

बछेंद्री पाल का मार्गदर्शन

71 वर्ष की उम्र में भी बछेंद्री पाल खुद इस यात्रा में मौजूद रहीं। उनका अनुभव और नेतृत्व युवाओं के लिए सबसे बड़ी ताकत बना। उन्होंने युवाओं को बताया कि साहस और अनुशासन से हर लक्ष्य पाया जा सकता है। अभिषेक सहित पूरी टीम ने उनके नेतृत्व में दरवा पास को सुरक्षित और सफलतापूर्वक पार किया।

 



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