पीथमपुर नगर पालिका के सीएमओ पद के लिए हाईकोर्ट में हुई बहस

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इन्दौर Updated On :

इंदौर। नगर पालिका पीथमपुर के सीएमओ पद के लिए हाईकोर्ट में चल रहे मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी। इसके बाद भी अदालत ने मामले पर फिलहाल कोई फैसला नहीं दिया है।

हाईकोर्ट की वेबसाईट के मुताबिक मामले की अगली तारीख़ पांच फरवरी को है। वहीं मार्च में याचिकाकर्ता गजेंद्र सिंह बघेल सेवा निवृत्त होने वाले हैं। ऐसे में अब उन्हें कोर्ट से राहत मिलती भी है तो वे केवल एक महीने के लिए ही काम कर सकेंगे। ऐसे में वर्तमान सीएमओ को हटाना भी मुश्किल होगा। मौजूदा परिस्थितयों में तय माना जाना चाहिए कि अब सीएमओ के पद पर कम से कम फरवरी तक डॉ. मधु सक्सेना ही बैठेंगी।

गजेंद्र सिंह बघेल, पीथमपुर नपा के पूर्व सीएमओ

जानकारी की मानें तो अब याचिकाकर्ता पूर्व सीएमओ गजेंद्र सिंह बघेल के लिए उम्मीदें कम होती जा रहीं हैं क्योंकि नई सीएमओ मधु सक्सेना काफी दिनों पहले आईडीए से आकर प्रभार ले चुकी हैं और अब ऐसे में उन्हें हटाने पर संभवतः कोर्ट विचार न करे। वहीं अगर फैसला पक्ष में नहीं आता है तो गजेंद्र सिंह बघेल को शासन द्वारा तय की गई नई भूमिका के लिए धार जाना होगा।

ज्ञात हो कि इस मामले में 15 दिसंबर को फैसला होना था लेकिन तब केस का नंबर ही नहीं लग सका था। इसके बाद कोर्ट ने सोमवार 21 दिसंबर को मामले पर सुनवाई की है।

गजेंद्र सिंह बघेल की राह में सबसे बड़ा रोड़ा उन पर चल रही विभागीय जांच बताई जा रही है। जिसमें उन्होंने निकाय में काम कर रही एक ठेकेदार कंपनी डिवाइन वेस्ट मैनेजमेंट को अप्रत्याशित लाभ पहुंचाया। इसके चलते शासन को सात करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

बताया जाता है कि नोटिस मिलने पर  तत्कालीन सीएमओ बघेल ने अपने पक्ष में दलील दी कि इसके लिए वे अकेले ज़िम्मेदार नहीं हैं बल्कि कंपनी को काम देने में एक पूरा विभागीय तंत्र काम कर रहा था। यह मामला पीथमपुर के रहवासी नितिन पटेल ने उजागर किया है।

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