बैंड-बाजा व टेंट वालों की मांग- शादी समारोह में बढ़ाई जाए मेहमानों की संख्या


गाडरवारा में टेंट, लाइट, साउंड, केटरर्स, घोड़ा, बैंड के कारोबारियों ने कोरोना संक्रमण काल में जारी हुए प्रतिबंधात्मक आदेश पर ध्यान आकर्षण कराते हुए यह मांग की है कि शादी-विवाह समारोह में मेहमानों की संख्या बढ़ाई जाए।


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :
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टेंट, लाइट, साउंड, केटरर्स, घोड़ा, बैंड के कारोबारियों ने सौंपा ज्ञापन। पारिवारिक खर्चा चलाने की बताई मुश्किलें।

नरसिंहपुर। गाडरवारा में टेंट, लाइट, साउंड, केटरर्स, घोड़ा, बैंड के कारोबारियों ने कोरोना संक्रमण काल में जारी हुए प्रतिबंधात्मक आदेश पर ध्यान आकर्षण कराते हुए यह मांग की है कि शादी-विवाह समारोह में मेहमानों की संख्या बढ़ाई जाए।

शादी-विवाह व अन्य समारोहों पर निर्भर यह कारोबारी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सबसे अधिक प्रभावित एवं आर्थिक रूप से टूटने की कगार पर पहुंचे हुए हैं।

गाडरवारा तहसील कार्यालय के प्रागंण में उन्होंने अनूठा प्रदर्शन किया और इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी सभी व्यापार बंद व चौपट हो गए हैं। साल भर व्यापार करने को नहीं मिलता।

बीते वर्ष 22 मार्च से 30 जून 2020 तक लगातार लॉकडाउन रहा। जुलाई 2020 से सीमित संख्या के कारण विवाह समारोह और उनसे जुड़े सभी व्यापार बुरी तरह प्रभावित थे।

इसमें टेंट, लाइट, साउंड, डेकोरेटर्स, हलवाई, बैंड पार्टी और भवन व्यवसाय पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा इसलिए यह मांग है कि विवाह का सीजन 20 अप्रैल से शुरू हो रहा है जिसमें शामिल होने वाले व्यक्तियों की संख्या में छूट दी जाए।

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इन समारोहों में 500 लोगों की अनुमति दी जाए। उनका सवाल भी था कि जब राजनीतिक सरकारी आयोजन में संख्या की अनदेखी हो रही है तो शादी-विवाह में संख्या सीमित रखकर हमारे व्यवसाय को चौपट करने की मंशा क्यों रखी जा रही है।

हमें आर्थिक नुकसान हो रहा है। बारात घरों, मैरिज हॉल और मैदान की क्षमता के अनुसार कम से कम 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ 10 बजे तक का आयोजन करने की अनुमति दी जाए। जिन्होंने पहले से ही ऑर्डर ले रखे हैं, प्रशासन की गाइडलाइन के कारण लोग शादियां कैसिंल करा रहे हैं, उनकी रोजी-रोटी छीन रही है।

हमारे ग्राहक दिए गए एडवांस की राशि वापस मांग रहे हैं जबकि कोरोना काल में उनकी यह राशि खर्च हो गई। इसलिए प्रशासन या तो मेहमानों की संख्या बढ़ाए या आर्थिक सहायता दे। अन्यथा हमारा जीवन यापन नहीं हो पाएगा। हम बिना बीमारी के मर जाएंगे।



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