खेतों की मिट्टी चाहती है आयरन और पोटाश जैसे पोषक तत्व


25 में वैज्ञानिक परामर्शदात्री बैठक में कृषि वैज्ञानिकों ने व्यक्त की चिंता, विशेषज्ञों ने कहा कि किसानों को अब उद्यानिकी फसलों पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है इससे उन्हें परंपरागत फसल से ज्यादा आय के अच्छे विकल्प उपलब्ध होंगे।


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :

विज्ञान केंद्र में 25 वीं वैज्ञानिक परामर्श दात्री की हुई बैठक में कृषि वैज्ञानिकों ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि क्षेत्र के किसान अपने खेतों की मिट्टी में पोटाश और आयरन जैसे पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं कर रहे हैं जिससे आने वाले समय में फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

किसानों को अब उद्यानिकी फसलों पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है इससे उन्हें परंपरागत फसल से ज्यादा आय के अच्छे विकल्प उपलब्ध होंगे।

कृषि विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक परामर्शदात्री की बैठक में कई वैज्ञानिकों ने कृषि, पशुपालन, कुक्कड़ पालन और उद्यानिकी को लेकर विस्तार से अपने शोध और मैदानी अमलों के अवलोकन के परिणामों पर विचार साझा किए और बतलाया कि जिले में किसान खरीफ और रबी की फ़सल भरपूर ले रहे हैं पर मिट्टी के कई पोषक तत्वों में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है।

किसान सिर्फ उस स्थिति में यूरिया और दूसरे खाद डालते हैं जो सिर्फ पौधों की दृष्टि से ही उपयुक्त होते हैं लेकिन मिट्टी के पोषण तत्वों पर उनका ध्यान नहीं है। अगर ऐसा रहा तो आने वाली समय में फसलों के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ेगा।

चीकू के लिए वातावरण

यहां कृषि वैज्ञानिकों ने नरसिंहपुर जिले में चीकू के फसल और उसके उत्पादन के संबंध में कहा कि जिले में इसके लिए अनुकूल वातावरण है। देश में जैसे धारवाड़ के चीकू की वैरायटी प्रसिद्ध हैं उसी तरह नरसिंहपुर जिले में यह अनुकूलन है कि कुछ स्थानों पर हल्की दोमट मिट्टी में बेहतर उत्पादन किया जा सकता है।

अश्वगंधा के लिए अनुकूलन 

नरसिंहपुर में अश्वगंधा की फसल को लेकर भी व्यापक संभावनाओं के संबंध में उन्नत किसानों और कृषि वैज्ञानिकों ने चर्चा की और कहा कि इसका भी बंपर उत्पादन किया जा सकता है।

संचालक डॉ. शर्मा ने दिया नर्सरी पर जोर 

कृषि वैज्ञानिक डॉ .दिनकर प्रसाद शर्मा संचालक ,सेवाएं विस्तार ,जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय भी इस मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने नरसिंहपुर जिले में नर्सरी ,की कमी को रेखांकित किया और कहा कि इसके लिए सरकार की तरफ से व्यापक अनुदान मिलता है । उन्नतशील व सामान्य किसान भी लाभ ले सकते हैं । उपसंचालक,पशु सेवाएं , डॉ. असगर खान ने पशुओं के विभिन्न रोगों के निदान के बारे में बताया।

कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयक डॉ.विशाल मेश्राम, कृषि वैज्ञानिक डॉ. आशुतोष शर्मा, डॉ.एसआर शर्मा, शिल्पी नेमा, संचालक उद्यानिकी दिनेश कौतू ने भी किसानों की कई जिज्ञासाओं का समाधान किया।

सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी डॉ. आरएन पटेल ने मिट्टी की पोषक तत्वों की पूर्ति के बारे में विस्तार से बताया। इस मौके पर सीएस तिवारी राकेश दुबे, कृष्ण पाल सिंह लोधी , जगदीश मेहरा, स्वदेश कोठारी आदि मौजूद रहे।



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