सर्मथन मूल्य पर खरीदीः 66 केद्रों पर सिर्फ 8 किसान पहुंचे, भाजपा सरकार की वादाखिलाफ़ी से नाराज़ हैं किसान


गेहूं पर 2275 रु प्रति क्विंटल मिल रहा है समर्थन मूल्य और 125 रुपए बोनस वहीं मंडी में गेहू ढ़ाई से तीन हजार रुपए तक मिल रहा


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घर की बात Updated On :

पिछले एक महीने तक किसानों ने पंजीयन कराया लेकिन अब पंजीयन करने के बाद समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसानों का रुझान कम हो रहा है।  समर्थन मूल्य 2275 रु है तो 125 रुपए बोनस के रूप में किसानों को दिए जाएंगे, इससे किसान नाराज हैं।  वहीं सरकार ने चुनाव के वक्त किसानों का गेहूं 2700 रुपए खरीदने की बात कही थी मगर अब किसानों से 2275 समर्थन मूल्य देकर खरीदी हो रही है और 125 रुपए प्रति क्विंटल बोनस के रूप में दिए जाएंगे लेकिन यह राशि कब मिलेगी यह तय नहीं है। यही वजह है कि किसान किसान मंडियों में अपना गेहूं बेच रहे हैं।

धार जिले के किसानों के मुताबिक इस बार उनका उत्पादन कम हुआ है और सरकार को गेहूं बेचने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया और इससे ज्यादा दाम तो व्यापारियों के पास मिल जाते हैं और पैसा भी हाथों हाथ मिलता है। यही वजह है कि इस बार सर्मथन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसान मंडियों में नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि अभी खरीदी शुरू ही हुई है लेकिन यह शुरूआत फीकी रही है। आगे खरीदी दो महीने तक चलनी है। जिसके लिए  जिले में 66 केंद्र बनाए गए हैं।

मंगलवार को पहले दिन तो कई केंद्रों में खरीदी शुरू ही नहीं हुई क्योंकि किसान पहुंचे ही नहीं। वहीं पूरे 66 केंद्रों की बात करें तो केवल आठ किसान ही यहां उपज लेकर पहुंचे थे।  इन किसानों से 538 क्विंटल गेहूं की खरीदी पहले दिन हुई है। कुछेक केंद्रों पर किसानों के लिए सुविधा नहीं हैं तो कई में अब तक बारदान भी नहीं पहुंचे हैं। खाद्य विभाग का मानना है कि पहला दिन होने से ये स्थिति रही।

322 किसानों बुक करवाया स्लॉट: गेहूं खरीदी के लिए जिले में 66 केंद्रों पर 322 किसानों ने स्लॉट बुक करवाया था मगर पहले दिन होने के कारण महज पांच किसांन ही पहुंच पाए जिन्हें 538 क्विंटल गेंहू खरीदा गया है। स्लॉट बुक की वैधता 7 दिन रहती है। जिले में 66 केंद्र बनाए गए हैं। इस साल सरकार ने समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। इसके बावजूद पिछले साल के मुकाबले इस बार सबसे कम पंजीयन हुए। इस साल 3 लाख 10 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल उगाने वाले 28 हजार किसानों ने गेहूं बेचने के लिए पंजीयन करवाया है।

किसानों की रुचि कम, इसबार लक्ष्य कम: जिले में गेहूं खरीदी का लक्ष्य 2 लाख 10 हजार मीट्रिक टन रखा गया था जो पिछले साल की तुलना में कम है। वहीं किसानों इसबार पंजीयन भी इस लिए करवाया क्योंकि सरकार 27 सौ रु क्विटंल में गेहूं खरीदेगी मगर ऐसा हो नहीं हुआ और मात्र 125 रु बोनस के रूप में देनी की घोषणा की गई है। किसानों को लगा था कि बोनस के रूप में 500 रु दिए जाएंगे।

सायलो केंद्र को चालू करने के लिए आवेदन दिया: इस बार खरीदी केंद्र के रूप में सायलो पर खरीदी नहीं की जा रही है। जिसको लेकर तलवाड़ा के किसानों ने जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी एनएस मिश्रा को आवेदन सौपा है। किसानों ने अपने इस आवेदन में कहा है कि सायलो केंद्र पर हमें किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता था व कुछ घंटे में हमारा गेहूं तुलवा कर हम वापस घर लौट जाते थे लेकिन इस बार सायलो बंद होने से हम किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि  पीपलखेड़ा व नागदा की सायलो केंद्र पर दो दर्जन से अधिक समितियों द्वारा गेंहू खरीदी की जाती थी। सायलो की व्यवस्था कलेक्टर आलोक सिंह के कार्यकाल के समय तैयार की गई थी। जो किसानों के लिए लाभकारी और सुविधाजनक साबित हुई थी।



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