देवी-देवताओं के चित्र वाले पटाखों की बिक्री पर रोक के लिए हिन्दू संगठनों ने शुरू किया अभियान

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उज्जैन Updated On :

देवास। शहर  में हिन्दू देवी-देवताओं के चित्र वाले पटाखों की बिक्री पर रोक के लिए हिन्दू संगठनों से जुड़े लोग पटाखों की दुकानों व गोदामों पर जा रहे हैं और वहां देवी-देवताओं के चित्र बने हुए पटाखों को हटाने के लिए चेतावनी दे रहे हैं। संगठन के कार्यकर्ताओं का कहना है कि वर्षों से हमारे देवी-देवताओं के चित्र वाले पटाखे बिक रहे हैं। पटाखे जलाने के बाद ये पैरों में आते हैं, जिससे धार्मिक भावना को ठेस पहुंचती है।

कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर पटाखा विक्रेता ही ऐसे पटाखों को नहीं बेचेंगे तो ग्राहक खरीदेंगे भी नहीं। और अगर इसके बाद भी देवी-देवताओं के चित्र वाले पटाखे बेचे गए ताे हम इनके लाइसेंस निरस्त करवाएंगे व प्रकरण भी दर्ज कराएंगे।

एक पटाखा विक्रेता ने बताया कि हमारी दुकान पर 20-25 लड़के आए और कहने लगे कि लक्ष्मी बम, गंगा-जमुना जैसे बम दुकान पर नहीं होना चाहिए। आप देवी-देवताओं के चित्र वाले बम हटा लीजिए, अगली बार हम आए तो दुकान में आग लगा देंगे। पटाखा विक्रेता ने बताया कि हम भगवान के चित्र वाले पटाखे नहीं बेचते हैं। इधर पटाखा विक्रेताओं में इसे लेकर नाराजगी भी है। पटाखा विक्रेता एसाेसिएशन के सदस्य मामले में विचार-विमर्श कर रहे हैं।

इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक वीडियो के साथ ट्वीट कर लिखा है –

 

पिछले दिनों रीवा में भी हिन्दू संगठनों से जुड़े लोगों ने इस सन्दर्भ में विरोध अभियान शुरू किया था। संगठन के लोगों ने वहां भी व्यवसाइयों पर कार्रवाई किये जाने की मांग मांग के साथ क चेतावनी दी थी  कि यदि कार्रवाई नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

इसी तरह की मांग देश के कुछ अन्य हिस्सों में भी उठ रही है बीते कुछ सालों से। खबर है कि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ और में

अगरबत्ती से लेकर खाने-पीने की चीजों और मसालों से लेकर दिवाली में जलाए और फोड़े जाने वाले पटाखों में देवी-देवताओं और माता लक्ष्मी की चित्र के अनादर को लेकर लोग मुखरता के साथ सामने आने लगे हैं। दीपावली के करीब 10 दिन पहले जिले भर में देवी-देवताओं के चित्र के दुरूपयोग ओर अनादर से आहत श्रीराम गौ-सेवा समिति ने सामने आकर देवी-देवताओं के अपमान के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।

वहीं कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों के नाम ज्ञापन सौंपकर इसे रोकने की दिशा में तत्काल कड़े कदम उठाने की मांग की है।

 



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