बहुजन नेता वामन मेश्राम की सभा, दस हजार लोगों की भीड़ जुटाने का दावा


– वामन मेश्राम डॉ. आंबेडकर से जुड़े मुद्दों पर करेंगे बात।
– कई बामसेफ सदस्य भी होंगे शामिल।
– महू में हो चुकी है आंबेडकर कथा और बाबा साहब के जन्म स्मारक पर भगवाकरण के आरोप रहे हैं चर्चा में।


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राजनीति Updated On :

इंदौर। डॉ. आंबेडकर की जन्मस्थली महू में इस साल कई राजनीतिक कार्यक्रम होने की संभावना है। विधानसभा चुनावों को देखते हुए आंबेडकर की यह जन्मभूमि से राजनीति के केंद्र में होगी। इन कार्यक्रमों की शुरुआत इस बार बामसेफ और बहुजन समाज से से जुड़े राजनीतिक दल राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा और बहुजन क्रांति मोर्चा के संयुक्त तत्वाधान में हो रहे इस कार्यक्रम से हो रही है।

संगठन के नेता वामन मेश्राम 7 जून को महू में एक बड़ी सभा कर रहे हैं। आचार संहिता के दौरान हो रही यह सभा को एक सामाजिक कार्यक्रम बताया जा रहा है।

महू में हो रहा सभा का प्रचार प्रसार

बताया जा रहा है कि इस सभा के ज़रिये वे बहुजन समाज के कई बड़े मुद्दों पर बात करेंगे। हालांकि यह सभा इस वर्ष की आंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में बताई जा रही है लेकिन खबरों की मानें तो पिछले कुछ समय में आंबेडकर स्मारक और  इसके नाम पर हो रही राजनीति पर भी मेश्राम बोलने वाले हैं। महू और बहुजन समाज के लिए यह मसला बेहद संवेदनशील हो सकता है क्योंकि पिछले कुछ समय से स्मारक के भगवाकरण करने के भी आरोप लगाए जा रहे हैं और विषय को राष्ट्रीय मीडिया ने भी गंभीरता से लिया है।

कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि कार्यक्रम के लिए प्रशासन से वैद्यानिक अनुमति ले ली गई है।  यह सभा महू शहर के बाहर कब्रिस्तान के सामने वाले मैदान पर होगी। सभा में करीब करीब दस हजार लोगों के पहुंचने का दावा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम की तैयारियां संगठन स्तर पर पिछले कई दिनों से जारी हैं। बताया जाता है कि सभा में इंदौर-उज्जैन संभाग से बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचेंगे। पिछले दिनों प्रदेश में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा बेहद गर्म रहा और बताया जाता है कि सभा के माध्यम से बामसेफ नेता प्रदेश में शासकीय सेवा में कर्मचारियों से जुड़े मामलों पर भी बात करेंगे।

इसके अलावा आंबेडकर स्मारक में पिछले कुछ समय से चल रहे विवादों को लेकर भी माहौल गर्म है। स्मारक की मौजूदा संस्था पर स्मारक में भगवाकरण करने का आरोप लगा है। जिसे लेकर देशभर में चर्चा हो रही है।

इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेताओं द्वारा आंबेडकर को अपनी विचारधारा में मिलाने के प्रयासों पर भी यहां बात हो सकती है। दरअसल पिछले दिनों महू में ही स्थानीय विधायक और प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने आंबेडकर कथा नाम का एक कार्यक्रम शुरु किया था।

इस कार्यक्रम में आंबेडकर को हिन्दू धर्म और स्वर्ण समाज के करीब दिखाने की कोशिश की गई। इस कथा को बोलने वाले भी विश्व हिन्दू परिषद के अंतराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार थे।

मप्र सरकार विश्व हिन्दू परिषद के नेता से आंबेडकर विश्वविद्यालय में करवा रही आंबेडकर कथा

दरअसल एक अंग्रेज़ी लेखक क्रिस्तोफ जाफ्रलो की किताब भीमराव आंबेडकर एक जीवनी में डॉ. आंबेडकर की सफलता के पीछे सवर्ण वर्ग का भी अहम योगदान बताया गया है। इसके बाद से ही डॉ. आंबेडकर को वह विचारधारा भी अपनाने की पूरी कोशिश कर रही है जिसका उन्होंने ताउम्र विरोध किया।

प्रदेश और देश की वर्तमान समाजिक स्थिति में यह विषय इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि वामन मेश्राम यह कई बार कह चुके हैं कि  फसाद के समय ही दलितों को हिन्दू बनाया जाता है। मेश्राम ने इस पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर भी सवाल उठा चुके हैं।

दलित नेता वामन मेश्राम का यह दौरा राजनीतिक रुप से कुछ नई हलचल पैदा करने वाला हो सकता है। हालांकि अब तक बामसेफ महू में राजनीतिक रुप से कोई बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं रहा है और न ही वामन मेश्राम ने यहां हुए विवादों पर अब तक कोई बात कही है लेकिन यह सभा बामसेफ के महू में सक्रिय होने का संकेत दे रही है। ज़ाहिर है इसका असर आने वाले विधानसभा चुनावों में भी कुछ हद तक नजर आ सकता है।

 

 



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