कुंदा पहाड़ी पर साल भर में लहलहाने लगे बीस हजार से अधिक नीम के पेड़


स्थानीय ग्राम पंचायत द्वारा उन्हें लगातार पानी दिया गया, देखभाल की गई तो पौधे लहलहा उठे। और तो और घास भी होने लगी। अब इससे इस पहाड़ी की छटा सुहानी हो गई है।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :
dhar neem trees

धार। क्या आप कल्पना भी कर सकते हैं कि पथरीली जमीन और चट्टानों से घिरे पहाड़ पर भी कोई पेड़-पौधे पनप सकते हैं लेकिन यह सम्भव हुआ है धामनोद के निकट कुंदा पहाड़ी पर और करीब साल भर पहले लगाए गए तकरीबन 20 हजार नीम के पौधे अब बड़े हो चुके हैं।

स्थानीय ग्राम पंचायत द्वारा उन्हें लगातार पानी दिया गया, देखभाल की गई तो पौधे लहलहा उठे। और तो और घास भी होने लगी। अब इससे इस पहाड़ी की छटा सुहानी हो गई है।

आलोक कुमार सिंह बुधवार को यह वृक्षारोपण देखने पहुंचे। उन्होने करीब 24 हेक्टेयर की पहाड़ी पर मनरेगा के तहत किए गए इस अनूठे कार्य पर स्थानीय सरपंच गीताबाई कटारे और मजदूरों की पीठ थपथपाई।

धार कलेक्टर आलोक कुमार सिंह और इस दौरान वहां पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष वशिष्ठ ने यहां पर पौधारोपण भी किया।

ग्रामीगों की पर्यावरण सहेजने की ललक और जुनून की बदौलत ही इस वीरान और बंजर पहाड़ी का रूप बदल गया है। यहां पर लगभग दो हजार कंटूर ट्रेंच और दो परकोलेशन टैंक के जरिये पानी सहेजने की भी कवायद की गई है।

इसी पहाड़ी पर एक पोषण वाटिका का निर्माण किया जा रहा है। पहाड़ी पर एक गौशाला का निर्माण भी किया जाएगा, जिसके लिए एक चारागाह भी विकसित किया जा रहा है।

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि यहां लगी घास के बीज मंगवाए जाएं ताकि वृक्षारोपण की दूसरी साइट पर भी इन्हें लगाए जा सके। इस दौरान एसडीएम राहुल चौहान, आरईएस के सहायक यंत्री राहुल वर्मा, सीईओ जनपद राजेन्द्र पालनपूरे उपस्थित थे।



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