नीलामी में सिंगरौली की धिरौली कोयला खदान अडानी के नाम, 12.5% प्रीमियम पर लगायी थी बोली


अडानी ने राजस्व साझेदारी में 12.5 फीसदी प्रीमियम की बोली लगा कर  हिंडाल्को इंडस्ट्रीज को दौड़ से बाहर कर दिया


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अडानी एंटरप्राइजेज भारत में पहली बार कोयला खदान हासिल करने में सफल रही। कंपनी भारत की सबसे बड़ी खदान डेवलपर और परिचालक है तथा इसने 11 खदानों और एक कोयला वॉशरी के लिए अनुबंध किया हुआ है। अडानी समूह की स्ट्रेटाटेक मिनरल्स रिसोर्सेस ने मध्य प्रदेश की धिरौली खदान के लिए अधिक बोली लगाई थी।

इसने राजस्व साझेदारी में 12.5 फीसदी प्रीमियम की बोली लगा कर  हिंडाल्को इंडस्ट्रीज को दौड़ से बाहर कर दिया। धिरौली खदान सिंगरौली जिले में है और यहां से सालाना 30 लाख टन कोयले का खनन किया जा सकता है।

इससे पहले अडानी को खुद के इस्तेमाल के लिए 2014 में हुई कोयला ब्लॉकों की नीलामी में एक खदान आवंटित की गई थी, हालांकि दो साल बाद उसका आवंटन रद्द कर उसे जिंदल स्टील ऐंड पावर को दे दिया गया था।

वाणिज्यिक स्तर पर कोयला खनन एवं बिक्री के लिए कोयला खदान हासिल करने वाली एक और बड़ी कंपनी आदित्य बिड़ला समूह की एस्सेल माइनिंग इंडिया है। एस्सेल माइनिंग ने मध्य प्रदेश के बंधा खदान के लिए सबसे ऊंची बोली लगाई थी।