शुभ योगों में शुरू हुआ चैत्र नवरात्र, नाव पर सवार होकर आईं मां दुर्गा

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सितारों की बात Published On :
chaitra navratra 2023

हिन्दू धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व है जिसमें से चैत्र माह और शारदीय नवरात्र की महत्ता सबसे अधिक है। चैत्र नवरात्र का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्र बुधवार 22 मार्च 2023 से प्रारंभ हो रहे हैं जिसका समापन 30 मार्च 2023 गुरुवार को होगा।

चैत्र नवरात्र में अबकी बार पूरे नौ दिन के नवरात्र होंगे, नवरात्र के दौरान तीन सर्वार्थ सिद्धि योग 23 मार्च, 27 मार्च, 30 मार्च को होंगे, जबकि अमृत सिद्धि योग 27 और 30 मार्च को होगा।

रवि योग 24 मार्च, 26 मार्च और 29 मार्च को होगा और नवरात्रि के अंतिम दिन रामनवमी के दिन गुरु पुष्य योग भी रहेगा।

भारत में चैत्र नवरात्र प्रतिपदा तिथि से ही नया हिंदू वर्ष प्रारंभ होता है और इसी दिन से अनल तदुपरांत पिंगल नामक संवत भी शुरू होगा। इस वर्ष चैत्र नवरात्र पर माता का वाहन नाव होगा, जो इस बात का संकेत है कि इस वर्ष वर्षा खूब रहने वाली है।

हिंदू नववर्ष 2023 में 13 माह –

आपको बता दें कि साल नव संवत्सर 2080 में 12 माह नहीं बल्कि कुल 13 माह होंगे क्योंकि इस साल अधिक मास लग रहे है। अधिक मास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक है। वहीं सबसे अधिक मास सावन में लग रहे हैं, इसलिए सावन माह इस बार दो महीने का होगा।

घटस्थापना शुभ मुहूर्त –

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च को सुबह 6:29 बजे से शुरू होकर सुबह 7:40 बजे तक रहेगा। इन मुहूर्तों में ही नवरात्र पूजा का आरंभ किया जा सकेगा। साथ ही यदि किसी विशेष अनुष्ठान को करना है तो उसके लिए भी यही सही समय रहेगा।

जानें किस दिन मां दुर्गा के किस स्वरूप की पूजा होगी –

  • -पहला दिन 22 मार्च 2023 दिन बुधवार: मां शैलपुत्री पूजा
  • -दूसरा दिन 23 मार्च 2023 दिन गुरुवार: मां ब्रह्मचारिणी पूजा
  • -तीसरा दिन 24 मार्च 2023 दिन शुक्रवार: मां चंद्रघंटा पूजा
  • -चौथा दिन 25 मार्च 2023 दिन शनिवार: मां कुष्मांडा पूजा
  • -पांचवां दिन 26 मार्च 2023 दिन रविवार: मां स्कंदमाता पूजा
  • -छठवां दिन 27 मार्च 2023 दिन सोमवार: मां कात्यायनी पूजा
  • -सातवं दिन 28 मार्च 2023 दिन मंगलवार: मां कालरात्रि पूजा
  • -आठवां दिन 29 मार्च 2023 दिन बुधवार: मां महागौरी
  • -9वां दिन 30 मार्च 2023 दिन गुरुवार: मां सिद्धिदात्री

अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग रीति –

भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। हमारे देश में हर एक जगह की बोली, परंपराएं और रहन-सहन का तरीका अलग-अलग है, ऐसे में त्योहारों को भी अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है।

इसी तरह चैत्र नवरात्र को भी अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है। चैत्र नवरात्र को राम नवरात्रि के भी नाम से पुकारते हैं क्योंकि भगवान श्रीराम का जन्मदिवस चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि को हुआ था इसीलिए नवरात्र को रामभक्त राम नवरात्रि भी कहते हैं।

इसके अलावा दक्षिण भारत में चैत्र नवरात्रि को उगादी पर्व कहा जाता है। वहीं गोवा और महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा के रूप मे चैत्र नवरात्र को मनाया जाता है।