Ashadha Gupt Navratri 2023: 19 जून से शुरू होने वाली है गुप्त नवरात्रि, जानिए पूजन विधि


आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान जो भक्त विधि-विधान और नियमों से व्रत रखता है और पूरे नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करता है, देवी दुर्गा की कृपा से उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।


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सितारों की बात Published On :
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आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 18 जून 2023 को सुबह 10 बजकर 06 बजे से शुरु होगी और अगले दिन 19 मई 2023 को सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि उदया तिथि मान्य होती है इसलिए गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 19 मई से होगी।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र सीखने वाले साधकों के लिए बहुत खास मानी जाती है क्योंकि इसमें 10 महाविद्याओं की पूजा कर विशेष सिद्धियां जल्द प्राप्त की जा सकती हैं।

समाज में प्रचलित मान्यताओं के मुताबिक, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान जो भक्त विधि-विधान और नियमों से व्रत रखता है और पूरे नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करता है, देवी दुर्गा की कृपा से उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की पूजन विधि –

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के पहले दिन ब्रह्म बेला में उठकर सबसे पहले मां दुर्गा को प्रणाम करें। इसके बाद घर की साफ-सफाई और नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें।

इसके बाद लाल रंग के नए वस्त्र धारण करें और व्रत संकल्प लें जिसके बाद मां दुर्गा का आह्वान करें। आह्वान करने के बाद मां दुर्गा की पूजा फल, फूल, लाल पुष्प, दूर्वा, धूप, दीप आदि से करें।

पूजा के समय दुर्गा चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ जरूर करें। अंत में आरती-अर्चना कर सुख, समृद्धि की कामना करें।

दिन भर उपवास रखें। साधक चाहे तो दिन में एक बार फलाहार कर सकते हैं। शाम में आरती करने के बाद ही फलाहार करें।

पूजन सामग्री –

नवरात्रि में सबसे जरूरी चीज है मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर। मां दुर्गा का सबसे खास रंग लाल रंग माना जाता है इसलिए पूजा में आसन के तौर पर लाल रंग के कपड़े का इस्तेमाल करें।

इसके अलावा फूल, फूल-माला, आम के पत्ते, बंदनवार, पान, सुपारी, लौंग, बताशा, हल्दी की गांठ, थोड़ी पिसी हुई हल्दी, मौली, रोली, कमलगट्टा, शहद, शक्कर, पंचमेवा, गंगाजल, नैवेध, जावित्री, नारियल जटा वाला, सूखा नारियल, नवग्रह पूजन के लिए सभी रंग या फिर चावलों को रंग कर रखें, दूध, वस्त्र, दही, पूजा की थाली, दीपक, घी, अगरबत्ती आदि सामान पहले से ही एकत्रित करके रख लें।

नोट – इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह जानकारी आप तक प्रेषित की गई हैं। इनपर अमल करने से पहले पाठक या उपयोगकर्ता अपने स्वविवेक का इस्तेमाल करें।