भोपाल गैस त्रासदी की बरसी पर MP के किसान मनाएंगे ‘कॉरपोरेट विरोध दिवस’!


मध्यप्रदेश में लाखों किसान अब 3 दिसंबर को एंटी कॉर्पोरेट डे यानि कार्पोरेट विरोध दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है। यह प्रदर्शन किसानों आन्दोलन के समर्थन में मोदी की पूंजीवादी नीतियों के खिलाफ होगा। यह घोषणा करते हुए  किसान संघर्ष कोर्डिनेशन कमिटी (एआइकेएससीसी) के सदस्य डॉ. सुनीलम ने कहा कि, हम इस बात को मुख्यता से दर्ज करवाएंगे कि क्या होता है जब कार्पोरेट घरानों को खुली छुट दी जाती है, जैसा कि भोपाल में यूनियन कार्बाइड में हुआ था। यह आन्दोलन तेज होता जायेगा जब तक कि किसान विरोधी यह कानून वापस नहीं लिए जाते।


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सांकेतिक चित्र


भोपाल गैस त्रासदी की 36वीं  बरसी  3 दिसम्बर को मध्यप्रदेश के किसान  ‘कॉरपोरेट विरोध दिवस’ मनाएंगे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक. इस दिन राज्य के 52 जिलों में लाखों किसान एक साथ विरोध में उतरेंगे। गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा लाये गये तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसानों ने जो प्रदर्शन शुरू किया था हरियाणा में खट्टर सरकार द्वारा तमाम हथकंडे, रूकावट और पूरी ताकत लगाकर किसानों के दिल्ली मार्च को रोकने के प्रयासों को लांघते हुए  वह अब दिल्ली सीमा पर पहुँच चुका है और दिल्ली को तीनों ओर से घेर लिया है। पंजाब से शुरू हुआ यह आन्दोलन अब पूरे देश में फ़ैल चुका है और देशभर के लाखों किसान इस आन्दोलन से जुड़ गये हैं। जो किसान दिल्ली नहीं आ सके वे अपने-अपने राज्यों में मोदी सरकार की पूंजीवादी और किसान विरोधी नीतियों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

मंगलवार, 1 दिसंबर को किसानों को जिद और दृढ़ता के आगे झुकते हुए सरकार ने 35 किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया था किन्तु वह बिना किसी परिणाम के खत्म हो गयी और किसानों ने अपना प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान कर दिया।

इसी कड़ी में मध्यप्रदेश में लाखों किसान अब 3 दिसंबर को एंटी कॉर्पोरेट डे यानि कार्पोरेट विरोध दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है। यह प्रदर्शन किसानों आन्दोलन के समर्थन में मोदी की पूंजीवादी नीतियों के खिलाफ होगा। यह घोषणा करते हुए  किसान संघर्ष कोर्डिनेशन कमिटी (एआइकेएससीसी) के सदस्य डॉ. सुनीलम ने कहा कि, हम इस बात को मुख्यता से दर्ज करवाएंगे कि क्या होता है जब कार्पोरेट घरानों को खुली छुट दी जाती है, जैसा कि भोपाल में यूनियन कार्बाइड में हुआ था। यह आन्दोलन तेज होता जायेगा जब तक कि किसान विरोधी यह कानून वापस नहीं लिए जाते।

इस धरना प्रदर्शन के बारे में ग्वालियर और चम्बल के कलेक्टर को  ज्ञापन दिया गया है। सीपीआई के अशोक तिवारी चम्बल में इस प्रदर्शन को  लीड करेंगे।

अशोक तिवारी ने कहा कि, हम गाँव वालों से संपर्क कर रहे हैं और कलेक्टर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठेंगे। इस धरने में मंडी बोर्ड के लोग भी शामिल होंगे।



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