रीवाः मुख्यमंत्री को किसानों का पक्ष सुनने की बजाय गिरफ्तार कराना तानाशाही- किसान नेता


विरोध कर रहे किसान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर उन्हें किसानों के पक्ष से अवगत कराना चाहते थे, लेकिन मुलाकात का समय देने की जगह उन्हें हिरासत में ले लिया गया।


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rewa farmers leader protest

रीवा। रीवा में 70 किसानों को गिरफ्तार कर केंद्रीय जेल परिसर पहुंचाया गया है। ये सभी किसान कोरोना काल मे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रीवा पहुंचकर कृषि कानूनों के बारे में झूठ परोसने वाली सभा का विरोध कर रहे थे।

इसे कई नेताओं ने कोरोना को लेकर प्रशासन का दोहरा मापदंड भी बताया है। रीवा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कोरोना काल में हजारों किसानों की सभा कर किसानों को कानूनों के संबंध में झूठी जानकारी देने के विरोध में रीवा के किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था।

इससे पहले किसान संगठनों ने लिखित तौर पर प्रशासन को कहा था कि उन्हें जब आंदोलन करने के लिए 26 नवंबर को 20 किसानों की अनुमति दी गई थी तब मुख्यमंत्री को हजारों भाजपाइयों को इकट्ठा करने की अनुमति कानूनी तौर पर कैसे दी जा सकती है?

विरोध कर रहे किसान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर उन्हें किसानों के पक्ष से अवगत कराना चाहते थे, लेकिन मुलाकात का समय देने की जगह उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

रीवा के इन 70 किसानों को हिरासत में लेकर रीवा सेंट्रल जेल परिसर में रखा गया है। इन्हें मुख्यमंत्री की आमसभा की ओर जाते वक्त पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा ने मध्यप्रदेश पुलिस प्रशासन और सरकार की दमनकारी नीति की निंदा करते हुए सभी किसान नेताओं को तत्काल रिहा करने तथा तीनों किसान विरोधी कानून रद्द करने की मांग की है।



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