प्याज की बंपर पैदावार लेकिन खेतों व घरों पर रखी है फसल, कर रहे बाजार खुलने का इंतजार


किसानों को प्याज की बेहतरीन वैरायटी होने के कारण दाम भी अच्छे-खासे मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण देश-प्रदेश में लॉकडाउन की वजह से किसानों की सारी उम्मीदें धरी की धरी रह गई।


आशीष यादव आशीष यादव
उनकी बात Published On :
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इस वर्ष प्याज की हुई है भरपूर पैदावार, परिवहन भी बंद और नहीं मिल रहा कोई खरीदने वाला।

धार। देश में लगभग 31 दिनों से जारी कोरोना लॉकडाउन एवं मंडियों में सभी तरह की जिंसों की खरीदी नहीं होने के कारण देश की अर्थव्यवस्था के मजबूत स्तंभ माने जाने वाले किसानों की हालत खराब होती जा रही है।

किसानों के खेतों में रखा प्याज-लहसुन सहित अन्य फसल दिन-ब-दिन सड़ता जा रहा है। शासन द्वारा मंडियों में मात्र गेहूं खरीदी का निर्णय लिया गया है जिससे किसान अपनी दूसरी उपज नहीं बेच पा रहा।

लॉकडाउन के कारण कोई अन्य व्यापारी भी खेत या घर पर आकर प्याज की खरीदी नहीं कर रहा है। प्याज सहित कई अन्य जिंसें या तो खेत में रखे-रखे खराब हो रही है या पशुओं को ही खिलाई जा रही है।

पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष प्याज का उत्पादन भी अच्छा रहा है। कृषकों द्वारा प्याज की अच्छी क्वालिटी बनाने के लिए कई तरह की कृषि दवाइयों पर खर्चा भी फसल पर किया गया।

किसानों को प्याज की बेहतरीन वैरायटी होने के कारण दाम भी अच्छे-खासे मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण देश-प्रदेश में लॉकडाउन की वजह से किसानों की सारी उम्मीदें धरी की धरी रह गई।

कई किसानों द्वारा कर्ज लेकर अच्छे दामों की उम्मीद से प्याज बोया गया था किंतु परिस्थितिवश क्रय तथा फसल का विक्रय नहीं होने की दोहरी मार से किसानों की कमर टूट गई है।

बीते वर्ष अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन, मूंग, उड़द सहित अन्य फसलें भी पूर्णत: खराब हो गई थी और अब अब लॉकडाउन के कारण किसानों को प्याज खेत या घर में ही कट्टे में भरकर रखना पड़ रहे हैं जो गुजरते समय के साथ खराब होते जा रहे हैं। ऐसे में किसानों को अब शासन से ही मदद की उम्मीद है।

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प्याज की फसल साफ करते हुए किसान व उनके परिजन।

कोरोना संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन में क्षेत्र के किसानों को भी आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है। बीते साल प्याज के दाम में उछाल को देखते हुए इस वर्ष जिले के किसानों ने हजार हेक्टेयर में प्याज लगाया था।

खेतों में फसल पक कर तैयार है, इस वर्ष प्याज का बंपर उत्पादन होने से किसान उत्साहित हैं लेकिन लॉकडाउन के कारण व्यापार व परिवहन बंद होने के कारण उन्हें भाव न मिलने की चिंता सताने लगी है।

प्याज की खेती करने वाले कई किसानों का कहना है कि फसल पक चुकी है, लेकिन लॉकडाउन के कारण किसान खेत से फसल नहीं निकाल रहे। जिले के प्याज उत्पादन किसानों को लॉकडाउन खुलने का बेसब्री से इंतजार है ताकि वह बाजार में अपनी उपज बेच सकें।

प्याज की फसल बिकने के लिए तैयार है, लेकिन जिले व प्रदेश में सभी जगह की मंडी बंद होने से प्याज खरीदी की व्यवस्था न होने के कारण किसान बाजार खुलने व नीलामी शुरू होने की राह देख रहे हैं।

दरअसल मंडियों के बंद होने से प्याज खरीदी की उचित व्यवस्था न होने के कारण 50 फीसदी से अधिक किसान खेत से व्यापारी को अपनी उपज बेच देते हैं, लेकिन वह भी प्याज खरीदने नहीं आ रहे है।

प्याज उत्पादक किसान जितेंद्र मंडलोई का कहना कि इस साल किसानों ने प्याज की अधिक खेती की है। उत्पादन भी अच्छा हुआ है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण बाजार में छाई मंदी से वह चिंतित हैं।

प्याज उत्पादन किसानों का कहना है कि मंडियों में प्याज की नीलामी शुरू हो। मंडी प्रशासन मंडी में प्याज खरीदी के इंतजाम करे और जिले व प्रदेश में सरकार मंडियों को चालू करने का काम करे, जिससे किसानों को उनकी उपज बेचकर उचित दाम मिल सके।

मंडियों में प्याज खरीदी के लिए पर्याप्त जगह है। मंडी प्रशासन नीलामी की व्यवस्था करे और प्याज खरीदी चालू करे। इससे किसान मंडी आएंगे और उन्हें उपज का सही दाम भी मिलेगा। इससे उनको नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा।

किसानों को शासन से ही मदद की उम्मीद –

बीते वर्ष प्रकृति की मार से सोयाबीन, गेहूं सहित अन्य जिंसों का माल पैदा नहीं हो पाया और अब भी माल की पैदावार कम हुई है तो लॉकडाउन के कारण माल बिक नहीं रहा है। ऐसी परिस्थिति में किसानों को शासन से ही मदद की उम्मीद है।

– नारायण कामदार, सकतली

अनारद के किसान रतनलाल यादव का कहना है कि शासन का गंभीर बीमारी के चलते लॉकडाउन का निर्णय उचित है किंतु शासन द्वारा कुछ ऐसी व्यवस्था भी की जानी चाहिए जिससे किसानों की उपज नीलाम हो जाए और किसानों की उपज फेंकना नहीं पड़े। मेरे घर व खेत पर लगभग 100 बोरी प्याज कट्टे में भरकर रखे हैं जो दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं।

रखने की जगह नहीं –

मंडी व परिवहन बंद होने से खेतों से निकली प्याज की फसल को रखने की व्यवस्था नहीं है। लॉकडाउन के कारण सभी जगह बाजार बंद है। वहीं मौसम में बदलाव और बूंदाबांदी से किसान को प्याज की फसल में भी नुकसान की चिंता सताने लगी है। अभी मंडी बंद होने से प्याज की फसल नहीं बेच पा रहे हैं। किसानों में चिंता है कि फसल कब बेचेंगे। मंडी खुलने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं। इस बार भी प्याज की फसल किसानों को रुला रही है। मजदूरों के पैसे देना हैं और मंडी बंद है, किसान क्या करें। कुछ समझ नहीं आ रहा है।

– गब्बर लववंशी, किसान



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