नौ दिन आराधना के पश्चात शोभायात्रा निकाल कर ढोल-बाजों के साथ देवी को दी विदाई


विदाई यात्रा में लोक संस्कृति की दिखी झलक, आदिवासी नृत्य दल, गरबा मंडल सहित अफ्रीकन कलाकारों द्वारा आकर्षक प्रस्तुतियां दी गई।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
dhar navratri shobha yatra

धार। शारदीय नवरात्र के तहत नौ दिवसीय देवी आराधना पर्व नवरात्रि का समापन बुधवार को हो गया। दशहरे पर शहर में सार्वजनिक नवदुर्गा उत्सव समिति मायापुरी के द्वारा देवी दुर्गा की नगर में शोभायात्रा निकालकर विदाई की गई।

परंपरागत रूप से आयोजित इस चल समारोह कार्यक्रम के आयोजक भाजपा नेता अनिल जैन बाबा थे। इस वर्ष चल समारोह में प्रतिवर्ष की तरह लोक संस्कृति की झलक दिखाई दी।

अलग-अलग राज्यों से आए लोक कलाकारों ने गरबा नृत्य, अफ्रीकन नृत्य, आदिवासी नृत्य, जादू-कला सहित कई कलाओं की प्रस्तुतियां दी। इस वर्ष समारोह में फिल्मी हस्तियों को आमंत्रित नहीं किया गया था।

आयोजक जैन ने कोरोना के दो वर्षों में शहर में अनेकों परिवारों में हुए शोक के मद्देनजर इसे सीमित दायरे में आयोजित किया। इसके बावजूद चल समारोह में बड़ी संख्या में महिलाएं एवं अन्य लोग मौजूद थे।

विदाई के पहले देवी की आरती उतारी –

बुधवार को शोभायात्रा कार्यक्रम की शुरुआत के पहले पूर्व केन्द्रीय मंत्री विक्रम वर्मा, धार विधायक नीना वर्मा, भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश महामंत्री दिलीप पटोदिया, विश्वास पांडे, नपा उपाध्यक्ष कालीचरण सोनवानिया सहित अन्य नेताओं ने देवी की आरती उतारी।

इसके पश्चात चल समारोह प्रारंभ हुआ। बैंड-बाजों पर भक्ति गीतों के सुर पर गरबा मंडल शोभायात्रा की अगुवाई में आगे-आगे चलता रहा। इसके पश्चात लोक कलाकारों का दल प्रस्तुतियां दे रहा था।

anil jain baba

इस दौरान आयोजक अनिल जैन बाबा का भी कई स्थानों पर पुष्पमालाओं से स्वागत किया गया। यात्रा बख्तावर मार्ग, हटवाड़ा, पिपलीबाजार, आनंद चौपाटी, धानमंडी, पट्ठा चौपाटी, नालछा दरवाजा सहित कई प्रमुख मार्गों से गुजरी।

केसरिया पताकाएं लहराईं –

देवी मां विसर्जन जुलूस में देश-विदेश के शामिल कलाकारों ने भारतीय संस्कृति के अनुरुप अपनी हैरतंगेत प्रस्तुतियां दी। हर प्रस्तुति में भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई दे रही थी। देश सहित विदेशों के कलाकरों ने उम्दा प्रस्तुतियां रास्ते भर पेश की।

एक सुसज्जित रथ में माताजी की प्रतिमा विराजित थी। देवी को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में मातृशक्ति देवी के जयकारे लगाते हुए शोभायात्रा में शामिल हुईं। इस दौरान केसरिया पताकाएं लहराते हुए युवा भी माहौल को धर्ममय बना रहे थे।

ये थे प्रमुख आकर्षण का केन्द्र –

शोभायात्रा में अफ्रीका के कलाकरों द्वारा सिद्धि धुमाल की प्रस्तुति की गई। राजस्थान के कलाकारों द्वारा कालबेलियां नृत्य, महाराष्ट्र के कलाकारों द्वारा चकरी नृत्य, मुंबई के जादूगरों द्वारा जादू कला का प्रदर्शन, गुजरात के कलाकारों द्वारा डांडिया रास की प्रस्तुति दी गई।

वहीं मप्र के आदिवासी कलाकारों द्वारा लोक नृत्य की प्रस्तुतियां दी गई। इस दौरान बड़ी संख्या में मातृशक्ति भी शामिल थीं। शोभायात्रा में घोड़े, बग्घी, ताशे, ढोल भी थे। शहर के युवाओं की टीम भी इस शोभायात्रा में विशेष रूप से सम्मिलित हुई।



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