नगरपालिका धार के हाथ से फिसला नंबर-1 का ताज, लाखों फूंकने के बाद भी नहीं बच पाई रैंक


स्वच्छता को लेकर जो रिजल्ट आया है उसके बाद भी शहर के कई कॉलोनी व शहर के रोड ऐसी है जहां से आज भी कचरा नहीं उठ रहा है।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
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धार। शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण का परिणाम आ चुका है। इस बार नगरपालिका को अपनी नंबर-1 की रैंक गंवाना पड़ी है। लाखों रुपये का खर्च होने के बाद भी इस तरह का परिणाम चौंकाने वाला है। नंबर-1 से धार नगर पालिका सीधे नंबर-6 पर पहुंच गई है।

इसमें कहीं न कहीं अधिकारियों की मॉनीटरिंग पर भी सवाल उठ रहा है। इसकी वजह यह है कि तत्कालीन सीएमओ विजय शर्मा के वक्त धार नंबर-1 बना था लेकिन इसके बाद हुए तबादले से नए सीएमओ निशिकांत शुक्ला को धार भेजा गया।

लगभग 6 माह सीएमओ शुक्ला को होने आया है। उन्हीं के नेतृत्व में धार में स्वच्छता सर्वेक्षण का सर्वे हुआ। इसके बाद जो परिणाम आया उसमें स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंक धार के हाथ से फिसल गई है।

अब आने वाले दिनों में फिर से शहर को स्वच्छ रखने के लिए मैदान में लगना होना, तब ही शहर पहले पायदान पर आयेगा।

स्वच्छता को लेकर जो रिजल्ट आया है उसके बाद भी शहर के कई कॉलोनी व शहर के रोड ऐसी है जहां से आज भी कचरा नहीं उठ रहा है।

जिम्मेदार सफाई कर्मचारी इस ओर ध्यान देने को राजी नहीं हैं। कर्मचारी अपने अधिकारियों के सामने मॉनिटरिंग करते हैं, लेकिन बाद में उसे ध्यान नहीं रखते।

निकायवार रैंक और परफारर्मेंस –

  1. नगरपालिका पीथमपुर : औद्योगिक नगरी पीथमपुर एशिया की सबसे बड़ी टैक्स कलेक्शन वाली निकाय है। 1 से 10 लाख आबादी वाली सिटी में नपा पीथमपुर ने देश में 22वीं रैंक प्राप्त की है। जबकि स्टेट में पीथमपुर का स्थान 6ठा रहा है। यह पीथमपुर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है।
  2. नगरपालिका मनावर : 25 से 50 हजार की आबादी वाली नपा मनावर में खराब सडक़, कचरा संग्रहण में कमजोरी, नागरिक सहभागिता में कमजोरी के बावजूद स्टेट में नंबर-1 की रैंक हासिल की है। जबकि जोन में 50 हजार की आबादी वाली निकायों में टॉप-10 की लिस्ट में दसवें नंबर पर काबिज हुई है।
  3. नगर परिषद बदनावर : 15 से 25 हजार की आबादी वाली नगर परिषद बदनावर ने इस बार अच्छा प्रदर्शन किया है। इस कारण झोनल रैंक बदनावर की 16वीं रही है। जबकि स्टेट में बदनावर टॉप-10 में शामिल हुआ है। घर-घर कचरा संग्रहण, स्वच्छ सडक़े, स्वच्छ जल इकाईयां सहित 6 बिंदुओं पर 70 प्रतिशत से ज्यादा अंक मिले।
  4. नगर परिषद राजगढ़ : 15 से 25 हजार की आबादी वाले राजगढ़ ने इस बार भी गत वर्ष की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। कुछ कमजोरियों को छोड़ दे तो भी रैंक में काफी सुधार किया है। राजगढ़ की जोनल रैंक 12वीं रही है। जबकि स्टेट में राजगढ़ की रैंक 7वीं है।

इनकी स्थिति कमजोर –

  1. नगरपालिका धार : 1 लाख की आबादी वाली धार नगर पालिका ने अपनी रैंक गंवाई। स्टेट में धार की रैंक 1 से गिरकर 6 रही। जबकि झोन में धार की रैंक 15वीं दर्ज की गई। सडक़ों की सफाई और पब्लिक टॉयलेट में स्थिति कमजोर रही।
  2. नगर परिषद सरदारपुर : सरदारपुर की रैंक भी काफी खराब रही है। सर्वेक्षण रिपोर्ट में सरदारपुर की जोनल रैंक 97वीं व स्टेट रैंक 69वीं रही है। सडक़ों की सफाई और पब्लिक टॉयलेट में बदइंतजामी के कारण सरदारपुर का प्रदर्शन काफी खराब रहा है।
  3. नगर परिषद डही : डही की आबादी 15 हजार के आसपास है। डही की झोनल रैंक 146वीं आई है। जबकि स्टेट में डही की रैंक 106 रही है। सडक़ों की सफाई और घर-घर कचरा संग्रहण करने की व्यवस्था कमजोर होने के करण रैंक कम आई।
  4. नगर परिषद धामनोद : इसी तरह नगर परिषद धामनोद भी झोन में 177वीं रैंक पर रही है। जबकि धामनोद की स्टेट में रैंक 130वीं आई है। सर्वेक्षण के दौरान धामनोद में नाले-नालियों की सफाई काफी खराब रही है।
  5. नगर परिषद धरमपुरी : 15 से 25 हजार की आबादी वाली धरमपुरी की भी स्थिति कमजोर रही है। स्टेट में धरमपुरी की रैंक 51वीं रही है। जबकि झोन में धरमपुरी 74वें स्थान पर रहा। कचरा संग्रहण, सडक़ों की सफाई, पब्लिक टॉयलेट और नाले-नालियों की सफाई में व्यवस्था ठीक नहीं होने से रैंक गिरी।
  6. नगर परिषद कुक्षी : 25 से 50 हजार की आबादी वाली कुक्षी का रिजल्ट भी खराब रहा है। कुक्षी की स्टेट में रैंक 34वीं रही। जबकि झोन में कुक्षी 84 नंबर पर रहा है। कचरा संग्रहण, सडक़ों की सफाई और सिटीजन फीडबैक में कमजोरी के कारण रैंक कम रही।
  7. नगर परिषद मांडू : पर्यटन नगरी मांडू में पूरे विश्व से लोग पहुंचते है। लेकिन पर्यटकों की सुविधा के मद्देनजर व्यवस्थाएं कम है। यहीं कारण है कि मांडू की जोनल रैंक 100वीं रही है। जबकि स्टेट में रैंक 72वीं प्राप्त हुई है। ट्रेचिंग ग्राउंड का अभाव, कचरा संग्रहण, सडक़ सफाई, पब्लिक टॉयलेट के मामले में कमजोरी से मांडू की रैंक कम रही।



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