जमीन धोखाधड़ी के दूसरे प्रकरण में भी भू-कारोबारी तिवारी-जोशी की जमानत निरस्त


कोर्ट ने अपर लोक अभियोजक शरद पुरोहित द्वारा जमानत के विरोध में रखे गए तर्क से सहमत होते हुए जमानत मिलने पर दस्तावेजों में छेड़छाड़ और गवाहों को धमकाने के अंदेशे को स्वीकार करते हुए आवेदन निरस्त किया है।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
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धार। जमीन के सौदे में महिला के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में जेल में बंद भू-कारोबारी अनुज उर्फ भोला तिवारी व उसके सहयोगी नवीन जोशी की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है।

कोर्ट ने अपर लोक अभियोजक शरद पुरोहित द्वारा जमानत के विरोध में रखे गए तर्क से सहमत होते हुए जमानत मिलने पर दस्तावेजों में छेड़छाड़ और गवाहों को धमकाने के अंदेशे को स्वीकार करते हुए आवेदन निरस्त किया है।

तिवारी सरेंडर करने के बाद से धार जेल में बंद है। कोर्ट से जमानत निरस्त होने के बाद अब हाईकोर्ट से उम्मीदें रह गई हैं। बता दें कि तिवारी पर ज्योतिबाई नाम की महिला ने मई माह में लेखी आवेदन के माध्यम से पैतृक संपत्ति में धोखे में रखकर रजिस्ट्री करवाने एवं कूटरचित तरीके से महिला के हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया था।

फरियादी की ओर से जमानत पर आपत्ति नहीं –

ज्ञानपुरा में पैतृक जमीन खरीदी में तिरला पुलिस ने फरियादी महिला ज्योतिबाई की शिकायत पर तिवारी एवं उनके साथी नवीन जोशी सहित चार अन्य लोग जो रिश्ते में महिला के भाई हैं, उन्हें भी आरोपी बनाया था।

इस मामले में पुलिस ने 420, 406 और 34 भादवि के तहत प्रकरण दर्ज किया था। प्रकरण दर्ज करने के बाद हुई जांच में पुलिस ने 467, 468, 471, 120 बी धाराओं का इजाफा किया था।

इस मामले में महिला ने बताया था कि नवीन जोशी एवं अनुज उर्फ भोला तिवारी व अन्य सहअभियुक्तगण ने मिलकर व षड्यंत्र करके अभियोगी ज्योतिबाई के नाम से 100 रुपये का स्टाम्प क्रय कर अभियोगी के कूटरचित हस्ताक्षर बनाकर आपसी पारिवारिक समझौता लेख तैयार करवाने व उस पर बलपूर्वक डरा-धमका कर हस्ताक्षर कराए थे।

महिला को बाउंसरों के माध्यम से डराया-धमकाया भी गया था। इस मामले में पुलिस ने कूटरचित दस्तावेज हस्तलेख विशेषज्ञ को जांच के लिए भेजे हैं।

सबसे मुख्य बात यह है कि कि जमानत आवेदन पेश करने के दौरान आवेदकों के अधिवक्ता ने बताया कि महिला को तिवारी को जमानत देने पर कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन कोर्ट ने प्रकरण की गंभीरता एवं शासन की और पैरवी कर रहे अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए निर्णय लिया है।

नौगांव के प्रकरण में भी बेल खारिज –

भू कारोबारी तिवारी की इसके पूर्व भी नौगांव थाना क्षेत्र में दर्ज धोखाधड़ी एवं अन्य धाराओं के प्रकरण में कोर्ट से जमानत आवेदन खारिज हो चुकी है। अब तिवारी और उनके सहयोगी के लिए हाईकोर्ट ही उम्मीद रह गए हैं।

गौरतलब है कि नौगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत निहालनगर साई रेसीडेंसी के विकास पेटे बंधक रखे गए 19 प्लॉटों को विक्रय करने का आरोप लगाकर नगरपालिका ने प्रकरण दर्ज कराया था।

प्रकरण दर्ज होने के बाद से तिवारी ने हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत के प्रयास किए थे, जो सफल नहीं हुए। उसके बाद उसने सरेंडर किया था।



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