प्रशासन के लिए आचार संहिता का पालन करवाना चुनौती, मतदान केंद्र के 100 मीटर दायरे में कई चुनाव चिन्ह


कई मतदान केंद्रों पर कई प्रकार के चुनाव चिन्ह होंगे जैसे किसी प्रत्याशी को चुनाव चिन्ह हैंडपंप मिला है तो मतदान केंद्र पर हैंडपंप होना आम बात है।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
election symbol

धार। जहां एक ओर राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव करा रहा है वहीं, प्रशासन को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मतदान केंद्रों पर कई ऐसे चुनाव चिन्ह भी होंगे जो आचार संहिता का उल्लंघन के दायरे में आयेंगे।

चुनाव चिन्ह को लेकर प्रशासन को आचार संहिता के पालन के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। कई मतदान केंद्रों पर कई प्रकार के चुनाव चिन्ह होंगे जैसे किसी प्रत्यक्षी को चुनाव चिन्ह हैंडपंप मिला है तो मतदान केंद्र पर हैंडपंप होना आम बात है।

इसके साथ ही कुर्सी-टेबल, पंखा, कुआं आदि चुनाव चिन्ह देखे जा सकते हैं जो वोट डालने वाले मतदाताओं के सामने नजर आएंगे जिससे कम पढ़े लिखे मतदाताओं को वह सामने नजर आने के कारण वे उन चुनाव चिन्हों को देखकर उस चिन्ह पर मतदान कर सकता है।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2022 में पंच, सरपंच, जिपं और जिला पंचायत सदस्य पद के लिए चुनाव प्रचार तेजी से चल रहा है। पंचायत चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी हो इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता भी लागू की गई है।

इस आचार संहिता का पालन चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के लिए जरूरी है। चुनाव में सबसे अहम निर्देश प्रत्याशी का चुनाव चिन्ह होता है जिसके आधार पर वह वोट मांगता है।

synbol chart

आयोग द्वारा पंच, सरपंच और जिपं सदस्य के लिए अभ्यर्थियों को दिए गए चुनाव चिन्ह ब्लैक बोर्ड, चश्मा, आलमारी, हस्तचालित पंप (हैंडपंप), घंटी स्टूल, गिलास ही आदर्श आचार संहिता का उलंघन करते नजर आएंगे क्योंकि यह चिन्ह मतदान केंद्रों का अहम हिस्सा हैं और केंद्र बनाए गए स्कूल भवन, आंगनवाड़ी केंद्र में इन चिन्हों का रोजमर्रा में उपयोग होता है।

मतदान दल ‘बस’ से जाएंगे –

पंचायत चुनाव में वैसे तो सभी पद महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन सबसे अहम चुनाव सरपंच पद का होता है। पंचायत चुनाव में सरपंच पद के लिए आयोग ने ‘बस’ चुनाव चिन्ह रखा है। मजे की बात यह है कि इसी ‘बस’ में बैठकर मतदान दल गांवों तक पहुंचेंगे।

आचार संहिता के पालन में क्या दल बस से जाना बंद तो नहीं कर सकते हैं। आपको बता दें कि हर केंद्र पर चुनाव चिन्ह ‘चश्मा’ है जो मतदान दल ही नहीं रिटर्निंग ऑफिसर से लेकर चुनाव प्रेक्षक तक लगाकर निष्पक्ष चुनाव कराएंगे।

वहीं हैंड पंप लगभग हर केंद्र के परिसर में नजर आएंगे। हैंडपंप को उखाड़ा जाना संभव नहीं जबकि इसी तरह मतदान कर्मी से लेकर पोलिंग एजेंट तक ‘स्टूल’ पर बैठ कर पंचायत चुनाव का मतदान कराएंगे।

यही नहीं कांच का गिलास, घंटी, खंबे पर ट्यूबलाइट, नल व जग हर केंद्र पर अपनी मौजूदगी केंद्र व उसके 100 मीटर के दायरे में नजर आएंगे।

प्रचार का शोर हुआ बंद –

जिला स्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए गुरुवार की दोपहर को तीन बजे प्रचार थम गया। इस चरण में मतदान 25 जून को होना है।

आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के मुताबिक, त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन में प्रथम चरण का मतदान 25 जून को सुबह सात से तीन बजे तक होगा।

प्रथम चरण में जिन ग्राम पंचायत क्षेत्रों में मतदान होना है, वहां पर 23 जून को तीन बजे से सार्वजनिक सभा करना प्रतिबंधित कर दिया गया है। साथ ही मतदान समाप्‍त होने के समय से 48 घंटे पूर्व से शराब की दुकानें भी बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।



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