रहवासी क्षेत्र में साबुन बनाने की फैक्ट्री में हो रहा था गैस रिफिलिंग का काम, 40 टंकी जब्त


गोदाम में गैस रिफिलिंग मशीन के माध्यम से बड़ी टंकियों से छोटी टंकियों में गैस भरने का काम होता था। ऐसे में खाद्य विभाग की टीम ने मौके पर पंचनामा बनाते हुए मशीन सहित 40 टंकियों को जब्त कर लिया।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
dhar gas refilling

धार। शहर के चाणक्यपुरी कॉलोनी में निजी स्कूल के पास बनी फैक्ट्री में सुबह तेज आवाज के साथ गैस की नली में अचानक आग लग गई, रहवासियों ने इस बात की सूचना पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को दी।

आग छोटी होने के कारण फैक्ट्री के मालिक ने ही उस पर तुरंत ही काबू पा लिया था, किंतु प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा व पूरे गोदाम की तलाशी ली गई। इस दौरान बड़ी संख्या में गैस की खाली व भरी हुई टंकी मिली, उन्हें जब्त कर लिया गया।

जानकारी के अनुसार, कॉलोनी में बालाजी कंपनी के नाम से नरेंद्र कुमार गोयल की साबुन निर्माण की फैक्ट्री है, जहां पर साबुन-सर्फ बनाने का काम होता है। सुबह करीब 10 बजे तेज आवाज के बाद आग लगने की सूचना के बाद तहसीलदार विनोद राठौर, सीएसपी देवेंद्र सिंह धुर्वे सहित प्रशासन व खाद्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे।

गोदाम में गैस रिफिलिंग मशीन के माध्यम से बड़ी टंकियों से छोटी टंकियों में गैस भरने का काम होता था। ऐसे में खाद्य विभाग की टीम ने मौके पर पंचनामा बनाते हुए मशीन सहित 40 टंकियों को जब्त कर लिया।

रहवासी क्षेत्र में फैक्ट्री मालिक के द्वारा साबुन बनाने का काम किया जा रहा था, जिसके कारण ही प्रशासन की टीम पूरे मामले की जांच में जुट गई। खाद्य विभाग की टीम कार्रवाई के बाद अपनी एक रिपोर्ट पुलिस को सौंपेगी, जिसके बाद मामले में नौगांव पुलिस फैक्ट्री मालिक के खिलाफ प्रकरण दर्ज करेगी।

जिम्मेदार अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान –

शहर भर में अवैध गैस रिफिलिंग का काम चल रहा है लेकिन जिम्मेदार विभाग द्वारा कार्रवाई के नाम पर बस खानापूर्ति की जाती है। यदि जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान दें तो शहर भर में अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण लगाया जा सकता है।

गैस रिफिलिंग का काम शहर भर में जोरों पर चलता रहता है। पूर्व में भी इस तरह के बड़े हादसे शहर में हो चुके हैं। गैस रिफिलिंग करने वालों के पास इतनी टंकियां कैसे आती हैं, यह भी सोचने का विषय है।

जहां एक ओर लोगों को महंगे दाम देने पर भी टंकियां उपलब्ध नहीं होती है, वहीं काम करने वालों के पास इतनी बड़ी संख्या में वह कैसे पहुंच जाती है। जिम्मेदार अधिकारी को भी इस ओर ध्यान देना होगा। जिला खाद्य अधिकारी के मुताबिक, नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।



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