सरकारी डॉक्टर ने निजी अस्पताल में ले जाकर करवाया प्रसव और फिर मांगी बड़ी रिश्वत


परिजनों ने जिन डॉक्टर पर आरोप लगाया उन पर पहले भी रिश्वत के आरोप लग चुके हैं।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर पर एक युवक के माध्यम से रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। इसे लेकर शहर के मांडू रोड पर स्थित निजी अस्पताल के सामने परिजनों ने हंगामा किया।  परिजन अस्पताल के सामने ही धरने पर बैठ गए। हंगामे की सूचना के बाद तहसीलदार दिनेश उईके सहित सीएमएचओ एनएस गेहलोद मौके पर पहुंचे।

यहां पर महिला सहित बच्चे को सबसे पहले शासकीय अस्पताल भिजवाया गया। वहीं परिजनों से पूरे घटनाक्रम को समझा, इधर पुलिस हरकत में आई व परिजन जिस युवक पर पैसे मांगने का आरोप लगा रहे थे। उसे थाने पर लेकर आई, जहां पर अब आगे की पूछताछ पुलिस द्वारा की जा रही है।

दरअसल ग्राम छोटा उमरिया निवासी सीमा बाई पति भुरिया उम्र 35 साल को पांच दिन पूर्व परिजनों ने जिला अस्पताल में डिलीवरी के चलते भर्ती किया गया लेकिन महिला की शासकीय अस्पताल में डिलीवरी के बजाय उसे निजी अस्पताल भेजा गया, जहां पर गुरुवार सुबह 4 बजे महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। जिसके बाद परिजनों से एजेंट ने संपर्क किया तथा 35 हजार रुपए की मांग रखी।

परिजनों ने इतने रुपए नहीं होने की बात कही तो एजेंट ने रुपए कम करते हुए 25 हजार मांगे।  शासकीय अस्पताल से निजी अस्पताल में महिला को भेजने व डिलीवरी के बाद रुपए अधिक मांगने की जानकारी मिलने पर जयस संगठन के पदाधिकारी निजी अस्पताल पहुंचे व हंगामा शुरु कर दिया। वहीं परिजन भी महिला सहित बच्चें को लेकर अस्पताल से बाहर आ गए।

परिजन के पास थे 10 हजार सामाजिक कार्यकर्ता विजय चौपड़ा, तहसील अध्यक्ष सुरज खराडिया ने बताया कि महिला को शासकीय अस्पताल के बजाय निजी अस्पताल क्यों भेजा गया, जबकि महिला की डिलीवरी शासकीय में हो सकती थी।

वहीं निजी अस्पताल में भी उसी डॉक्टर ने आकर डिलीवरी करवाई, जो शासकीय अस्पताल में पदस्थ है। अब नार्मल डिलीवरी के नाम पर 35 हजार रुपए एजेंट के माध्यम से मांगे जा रहे है। महिला के पति भूरिया ने बताया कि पांच दिन से जिला अस्पताल में भर्ती थे, कल बताया कि डिलीवरी यहां पर नहीं होगी। जिसके बाद एक अभिमन्यु नाम का युवक आया व उसने निजी अस्पताल में बेहतर डिलीवरी की बात कही। जहां पर आज सुबह पत्नी ने बच्चीं को जन्म दिया, युवक 35 हजार रुपए मांग रहा था लेकिन परिवार के पास 10 से 12 हजार रुपए ही थे।

परिजनों ने किया हंगामा

इसके बाद हो रहे हंगामे के बीच महिला अपनी बच्ची को हाथ में लेकर अस्पताल से कुछ दूरी पर पेड़ के नीचे बैठी नजर आई। तहसीलदार मौके पर पहुंचे व महिला से स्वास्थ्य को लेकर बातचीत की। जिसके बाद एंबुलेंस बुलाकर महिला सहित बच्ची को सुरक्षित जिला अस्पताल में भिजवाया गया। इन परिजनों ने जिन डॉक्टर बागड़े पर आरोप लगाए हैं, उनके खिलाफ पहले भी इसी प्रकार की शिकायत आ चुकी है।

डॉक्टर व एजेंट पर हो कार्यवाही
हंगामे की सूचना के बाद तहसीलदार मौके पर पहुंचे, यहां पर परिजनों ने शासकीय से आकर निजी अस्पताल में डिलीवरी करवाने वाले डॉक्टर सहित एजेंट पर कार्यवाही की मांग रखी। परिजन करीब दो घंटे तक अस्पताल के बाहर हंगामा करते रहे। इधर जिस युवक अभिमन्यु पर पैसे मांगने के आरोप लगे हैं, उक्त युवक क्षेत्र में ही मेडिकल की दुकान संचालित करता है। ऐसे में मेडिकल की दुकानों से ही निजी अस्पतालों में मरीजों को भेजने का काम जारी है। हालांकि शासकीय अस्पताल से निजी में मरीज भेजने का यह पहला मामला जिला अस्पताल का नहीं हैं, इसके पहले भी इसी तरह के मामले सामने आ चुके है।

महिला को बाहर नहीं किया गया था, जब परिजनों ने रुपए नहीं होने की बात कही तो उन्हें जाने दिया गया। कल रात में ही परिजना महिला को लेकर आए व सुबह महिला को नार्मल डिलीवरी हुई थी, रुपए मांगने के सारे आरोप गलत है। महिला की डिलीवरी डॉक्टर नीरज द्वारा ही की गई थी, इमरजेंसी होने के चलते डॉक्टर नीरज यहां पर आते है।
दिलीप सक्सेना, मैनजमेंट प्रबंधक, सत्यसांई हॉस्पिटल, धार

 

महिला अस्पताल में भर्ती थी, सिस्टर व डॉक्टर ने ही देखकर बताया था कि नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी। किंतु परिजन ही महिला को निजी ले जाने का बोलकर अस्पताल से उसे लेकर आ गए थे। रुपए अधिक मांगने की सूचना पर परिजनों से चर्चा की गई, जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी, वहीं डॉक्टर आकर निजी अस्पताल में जाते हैं, तो सिविल सर्जन के माध्यम से मामले की जांच करवाई जाएगी। इसको लेकर टीम भी बनाएंगे।
डॉ. एनएस गेहलोत, सीएमएचओ, धार



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