बदनावरः आईबी ग्रुप के सोया प्लांट के भूमिपूजन में वर्चुअली शामिल हुए सीएम चौहान


“एबिस एक्सपोर्ट्स (इंडिया) प्रा.लि.” आईबी ग्रुप बदनावर के खेरवास के पास करीब 65 एकड़ एरिया में साढ़े तीन सौ करोड़ से अधिक लागत से बनने वाले बड़े उद्योग की स्थापना कर रहा है।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :
badnawar ib group soya plant

बदनावर/धार। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान रविवार को आईबी ग्रुप द्वारा ग्राम खेरवास में स्थापित होने वाले सोया प्लांट के वर्चुअल भूमिपूजन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश सोयाबीन के मामले में भी नबंर वन है। सोयाबीन को पीला सोना कहा जाता है।

बदनावर को आज एक बड़ी सौगात देने के लिए यह बड़ा कदम उठाया जा रहा है। इससे किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा तथा उत्पादन भी बंपर होगा। हम विदेशों से खाद्य तेल आयात करते हैं जिससे हमारा पैसा बाहर जाता है। प्रदेश में निवेश के बाद खाद्य उत्पादों के मामले में हम आत्मनिर्भर बनेंगे।

सीएम चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है। हमारा प्रयास है कि फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ लागत को कम किया जाए। 20 वर्ष पूर्व मप्र एक बीमारू राज्य था। यहां केवल साढ़े 7 लाख हेक्टेयर भूमि में ही सिंचाई हो पाती थी।

जो दो दशकों में बढ़कर 43 लाख हेक्टेयर हो चुकी है। उत्पादन बड़े, लागत घटे और किसानों की आय दुगुनी हो इन्हीं प्रयासों के साथ कार्य करने का परिणाम है कि प्रदेश लगातार सात वर्षों से कृषि कर्मण पुरस्कार जीत रहा है।

उन्‍होंने कहा कि निवेश की अनुकूलता इसी से साबित होती है कि दो वर्ष के कोरोना काल में भी प्रदेश में निवेश जारी है। अप्रैल से दिसबंर तक 28 हजार 746 करोड़ रुपये का निवेश आया है।

कृषि प्रधान होने के साथ साथ हम उद्योग प्रधान राज्य बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा और और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश शांति का टापू है। जमीन की भी पर्याप्त उपलब्धता है और निवेश आकर्षित करने के सारे संसाधन हमारे पास उपलब्ध हैं। बदनावर में निवेश का यह सिलसिला जारी रहेगा। इसके लिए आपके क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के उर्जावान उद्योग मंत्री दत्तीगांव दिन-रात काम कर रहे हैं।

बाजार भाव से कम कीमत में मिलेगा खाद्य तेल –

इस मौके पर उद्योगमंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि देश के सबसे बड़े सोया प्लांट की स्थापना के लिए बदनावर को चुना गया। विकास का यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा।

आईबी ग्रुप अभी 350 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है जो आगे जाकर 600 करोड़ रुपये तक हो जाएगा। इस प्लांट की स्थापना से क्षेत्र में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 15-20 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। साथ ही अगले 20 सालों तक राज्य को एक हजार करोड़ की अतिरिक्त आय भी प्राप्त होगी।

आने वाले समय में सोयाबीन का रकबा और किसानों की आय दोनों बढ़ेगी। प्लांट पर 365 दिन खरीदी होकर तुरंत भुगतान मिलेगा। लोगों को खा़द्य तेल भी बाजार भाव से 40 से 50 रुपये तक कम दाम में मिलेगा।

मंत्री दत्तीगांव के प्रजेंटेशन को देखकर ही बदनावर में शुरू किया प्रोजेक्ट –

आईबी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर बहादुर अली ने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच है कि जिस क्षेत्र में जो फसल बहुतायत में होती है संबधित उद्योग भी वहीं स्थापित होने चाहिए। पहले यह प्लांट महाराष्ट्र में स्थापित होने जा रहा था किंतु उद्योग मंत्री दत्तीगांव ने मप्र और खासकर बदनावर क्षेत्र में उपजाई जाने वाली सोयाबीन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

उनके प्रजेंटेशन को देखकर ही हमने इस प्रोजेक्ट को बदनावर में शुरू करने का निर्णय लिया है। इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 3 हजार टन की है। प्लांट को हम डेढ वर्ष में मूर्त रूप देकर उत्पादन प्रारंभ कर देंगे। बदनावर शहर में हम एक डिपो भी स्थापित करेंगे जिससे जनता को थोक भाव में खाद्यान्न तेल उपलब्ध करवाया जाएगा।

इस अवसर पर मप्र नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष राजेश अर्ग्रवाल, पूर्व विधायक खेमराज पाटीदार, महेंद्रसिंह चाचू बना, मनोज सोमानी, विक्रम पटेल, नारायणसिंह देवड़ा, अक्षय शर्मा, उमेश पाटीदार, परमानंद पाटीदार आदि मंचासीन अतिथि थे। आरंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्वल्लन व मार्ल्यापण कर विधिवत शुरूआत की। ग्रुप के डायरेक्टर गुलरेज आलम, जुनैद काजी आदि ने अतिथियों का स्वागत किया।

65 एकड़ एरिया में 350 करोड़ से अधिक की लागत में लगेगा प्लांट –

बता दें कि “एबिस एक्सपोर्ट्स (इंडिया) प्रा.लि.” आईबी ग्रुप बदनावर के खेरवास के पास करीब 65 एकड़ एरिया में साढ़े तीन सौ करोड़ से अधिक लागत से बनने वाले बड़े उद्योग की स्थापना कर रहा है। प्लांट बनने से ढाई हजार से अधिक लोगो को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

इस सोया प्लांट में सोया क्रशिंग, रिफाइनरी व लाइवस्टॉक फ़ीड का उत्पादन होगा जिसके लिए सालाना लगभग 7 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की आवश्यकता होगी, जो कि मध्यप्रदेश के सोया किसानों से ख़रीदी जाएगी।

इससे किसानों की आय दोगुनी करने का अवसर प्राप्त होगा। आईबी ग्रुप को आने वाले वर्षों में उत्पादन के लिए लगभग 11 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की आवश्यकता होगी जो पूरे देश की ख़पत का लगभग 12 फीसदी है|

बदनावर सोयाबीन का प्रमुख केंद्र, यहां होता है बंपर उत्पादन –

मालूम हो कि क्षेत्र में सोयाबीन की फसल खरीफ की मुख्य फसल है। सोयाबीन करीब 74 हजार 135 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बोई जाती है। जो कुल हेक्टेयर का 90 प्रतिशत है तथा अच्छी गुणवत्ता पूर्ण सोयाबीन का उत्पादन होने व अच्छे भाव में बिकने से यह किसानो की पहली पसंद बनी हुई है।

बदनावर में संबंधित व्यापारियों द्वारा इसकी खरीदी कर बड़ी मात्रा में घाटाबिल्लौद, पीथमपुर में स्थित सोयाबीन प्लांटों में भेजी जाती है, लेकिन अब बदनावर में ही सोया संबंधित उद्योग खुलने से किसानो को अपनी सोयाबीन के उचित दाम भी मिलेंगे व उद्योग को भी कम समय व आसानी से कच्चा माल भी मिल जाएगा व परिवहन में भी लागत कम आएगी।



Related