गांवों को टीबी फ्री बनाने की तैयारी, जिले में हैं 2900 मरीज़


धार में राष्‍ट्रीय टीबीमुक्‍त भारत कार्यक्रम के तहत टीबी उन्‍मूलन कार्यशाला का आयोजन


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

केंद्र सरकार टीबीमुक्‍त कार्यक्रम का संचालन कर रही है। इसमें शहर से लेकर गांव तक को टीबीमुक्‍त बनाने के लिए कार्ययोजना बनाकर काम किया जा रहा है लेकिन आदिवासी बाहुल्‍य धार जिले में बड़े पैमाने पर टीबी मरीज आते है।

जिले में गत वर्ष 5857 मरीज टीबी से रोगमुक्‍त हुए थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि टीबी जिले में एक बड़ी बीमारी के रूप में काबिज है। इनमें युवा-बुजुर्ग ही नहीं बल्कि छोटे बच्‍चें भी मरीजों में शामिल है हालांकि राहत की बात यह है कि टीबी मरीजों की रिकवरी का रेट 93 प्रतिशत है।

राष्‍ट्रीय टीबीमुक्‍त भारत कार्यक्रम के तहत धार के निजी होटल में शनिवार को टीबी उन्‍मूलन कार्यशाला का आयोजन हुआ। कलेक्‍टर प्रियंक मिश्रा की अध्‍यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में टीबी की वर्तमान स्थि‍ति और भविष्‍य में टीबी कार्यक्रम के तहत चलाए जाने वाली कार्ययोजना की जानकारी रखी गई। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. नरसिंह गेहलोद विशेष रूप से मौजूद थे।

कलेक्‍टर मिश्रा ने बताया प्रदेश में टीबीमुक्‍त भारत का अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में धार जिले में भी एक कार्यक्रम बनाकर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के माध्‍यम से कार्य किया जा रहा है। राष्‍ट्रीय क्षय उन्‍यमूलन कार्यक्रम के तहत मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

टीबी बीमारी के बारे में जानते सब है, लेकिन टीबी के बारे में अतिरिक्‍त जानकारी तब ही मिलती है जब खुद को या परिवार के किसी सदस्‍य को बीमारी हो जाए। यह बीमारी भले ही प्रथम दृष्टया जानलेवा न हो लेकिन इसका प्रभाव पूरे परिवार और समाज पर पड़ता है। इसलिए आज मीडिया के माध्‍यम से यह जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।

गांवों को करेंगे टीबीमुक्‍त: जिला क्षय अधिकारी डॉ. संजय जोशी ने बताया टीबीमुक्‍त भारत की दिशा में जिले में काम किया जा रहा है। इसकी नींव गांवों से रखी जा रही है। टीबी मुक्‍त करने के लिए हमनें गांवों पर फोकस किया है। हम सबसे पहले गांवों को टीबी मुक्‍त करने के लिए काम कर रहे है। जैसे-जैसे टीबीमुक्‍त गांव होते जाएंगे, वैसे-वैसे जिले में टीबी रोग पर नियंत्रण बढ़ता जाएगा। इसमें ग्राम पंचायत का भी सहयोग लिया जाएगा, जो ग्राम पंचायत टीबीमुक्‍त होगी उन्‍हें अनुदान राशि भी शासन की तरफ से दी जाएगी। जिले में गत वर्ष टीबी के 5 हजार 857 मरीज रोगमुक्‍त हुए थे। इन्‍होंने 6 माह लगातार इलाज लेकर बीमारी को खत्‍म किया था।

इस साल 2900 मरीज उपचारत : कार्यक्रम के दौरान विभिन्‍न कारणों से होने वाली टीबी की बीमारी और उससे बचाव और जागरूकता की जानकारी दी गई। इस दौरान बताया कि जिले में इस वर्ष 2 हजार 900 मरीज टीबी रोग से ग्रसित पाए गए है। जिनका इलाज चल रहा है। इनमें एमडीआर टीबी, टयूब्‍यूको‍लोसिस जैसी गंभीर श्रेणी की टीबी के भी मरीज देखने को मिले है। वहीं बच्‍चों में भी टीबी के लक्ष्‍य देखने को मिले है। कुल मरीजों में 15 प्रतिशत बच्‍चों की संख्‍या भी शामिल है।



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