डेढ़ साल बाद खुले स्कूलों के ताले, कोई था खुश तो किसी के चेहरे पर दिखी मायूसी


सरकार ने 11वीं व 12वीं के स्कूल शुरू करने के आदेश तो जारी कर दिए, लेकिन सिलेबस को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया। 50 फीसदी बच्चों के साथ कक्षाएं लगाने से किसी भी कक्षा का कोर्स पूरा नहीं होगा। जबकि शिक्षण सत्र के तीन महीने बीत चुके हैं।


आशीष यादव आशीष यादव
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धार। कोरोना संक्रमण काबू में आने के बाद धीरे-धीरे जीवन पटरी पर लौटने लगा है। होटल-मॉल-टॉकीज पहले ही खुल चुके हैं। एक-एक कर सभी की सुविधा भी दी जा रही है। अब सोमवार 26 जुलाई से कक्षा 11वीं व 12वीं और 5 अगस्त से कक्षा 9वीं व 10वी की कक्षाएं शुरू करने के आदेश हैं।

इन विद्यार्थियों को सप्ताह में एक दिन ही स्कूल जाना होगा। कक्षा 10वीं का संचालन हर बुधवार को एवं 9वीं का संचालन हर शनिवार को किया जाएगा। इसमें भी विद्यार्थियों की उपस्थिति 50 फीसदी ही रहेगी। वहीं साथ में सभी की ऑनलाइन कक्षाएं भी संचालित होंगी। इसके लिए स्कूलों ने अपने स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली हैं।

सोमवार को जब स्कूल खुलेंगे तो इनमें सुरक्षा को लेकर कई अहम बदलाव देखने को मिलेंगे। जो विद्यार्थी स्कूल जाना चाहते हैं, उन्हें पहले माता-पिता से लिखित में सहमति-पत्र देना होगा। जो स्कूल नहीं जाना चाहते उनके लिए ऑनलाइन क्लासेस की सुविधा जारी रहेगी।

वाहन 50 फीसदी क्षमता से चलेंगे –

ऐसे विद्यालय जिनके द्वारा परिवहन सुविधा का प्रबंधन किया जा रहा है। बच्चों को बसों व अन्य परिवहन वाहनों में समुचित भौतिक दूरी सुनिश्चित करते हुए 50 फीसदी क्षमता से चलाई जाएगी। बसों व अन्य परिवहन वाहनों का एक फीसदी सोडियम हाइपोक्लोराइट के उपयोग से सैनिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाएगा।

परिजन की सहमति जरूरी –

जिले में 26 जुलाई से 11वीं एवं 12वीं की कक्षाएं शुरू होंगी। इनका संचालन सप्ताह में दो-दो दिन ही होगा। कक्षा 12वीं की कक्षाएं सोमवार व गुरुवार को लगेंगी तो कक्षा 11वीं की कक्षाएं मंगलवार एवं शुक्रवार को लगेंगी। जो स्कूल जाकर पढ़ाई करना चाहता है उसे पहले अपने माता-पिता से सहमति-पत्र लाना होगा।

100 फीसदी वैक्सीनेशन जरूरी –

जिले के सभी शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय, हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी विद्यालयों में शैक्षणिक तथा गैर शैक्षणिक स्टाफ शत-प्रतिशत उपस्थित रहेगा। शासकीय व अशासकीय विद्यालयों के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर 100 फीसदी वैक्सीनेशन कराना होगा। प्रशासन अभियान चलाएगा।

दूसरे चरण में –

5 अगस्त से 9वीं व 10वीं के बच्चे भी स्कूल में ऑफलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। प्राइमरी व मिडिल के बच्चे अभी ऑनलाइन ही पढ़ाई करेंगे। सरकार ने प्राइमरी से हायर सेकंडरी तक के शत प्रतिशत शिक्षकों को स्कूल बुलाने के आदेश दिए है। इससे स्कूल संचालक पशोपेश में है कि सभी शिक्षक स्कूल आ जाएंगे तो ऑनलाइन पढ़ाई प्रभावित होगी। पहली से आठवीं तक की कक्षाएं नहीं लग रही है तो इनके शिक्षकों को स्कूल बुलाने का आदेश व्यवहारिक नहीं है।

सिलेबस संबंधी आदेश नहीं मिले –

सरकार ने 11वीं व 12वीं के स्कूल शुरू करने के आदेश तो जारी कर दिए, लेकिन सिलेबस को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया। 50 फीसदी बच्चों के साथ कक्षाएं लगाने से किसी भी कक्षा का कोर्स पूरा नहीं होगा। जबकि शिक्षण सत्र के तीन महीने बीत चुके हैं। ऐसे में आगे बच्चों को किस तरह पढ़ाई कराई जाए इसको लेकर भी संशय बना हुआ है।

ऐसे बैठेंगे छात्र हर –

कुर्सी-टेबल के बीच 6 फीट की दूरी रखनी होगी। भीड़ कम रखने के लिए अलग-अलग टाइम स्लॉट्स में कक्षाएं संचालित करनी होंगी। स्टूडेंट्स के बीच किसी भी तरह के स्टेशनरी आइटम, वॉटर बॉटल या लंच बॉक्स शेयर करने की अनुमति नहीं होगी।

मानने होंगे ये नियम –

  • एक-दूसरे से 6 फीट की दूरी बनाकर रखनी होगी।
  • फेस कवर या मास्क पहनना अनिवार्य है।
  • हाथ भले ही आपको गंदे न दिखें, फिर भी समय-समय पर साबुन से हाथ धुलना (कम से कम 40 से 60 सेकेंड) जरूरी है।
  • समय-समय पर अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल (कम से कम 20 सेकेंड) जरूरी है।
  • छींकते, खांसते समय मुंह व नाक को टिश्यू, रुमाल या कोहनी से ढंकना अनिवार्य है।
  • अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहेंगे।
  • किसी भी तरह बीमार महसूस करने पर तुरंत संबंधित अधिकारी को सूचित करना होगा।
  • प्रबंधन को फेस कवर्स, मास्क, हैंड सैनिटाइजर्स, थर्मल गन्स, सोडियम हाइपोक्लोराइट, साबुन/हैंडवॉश, डिस्पोजेबल पेपर टॉवल्स, पल्स ऑक्सीमीटर, ढंके हुए डस्टबिन आदि का पर्याप्त स्टॉक रखना होगा।
  • सफाई कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण देकर तैयार करना होगा। हर छात्र व कर्मचारी का रोज़ बुखार मापा जाएगा।



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