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इंदौर। बीते दिनों खंडवा रोड पर तेंदुए ने पांच लोगों को घायल किया था। इनमें एक ग्यारह महीने की बच्ची भी थी। इस बच्ची की शुक्रवार को मृत्यु हो गई। बच्ची के सीने में तेंदुए ने गहरे दांत गड़ा दिये थे। जिसके बाद उसे नली के ज़रिये ही तरह पदार्थ के रुप में आहार दिया जा रहा था।
सीने में हुए ज़ख्मों के कारण उसके शरीर में संक्रमण फैलता रहा और शुक्रवार सुबह उसकी हालत बिगड़ गई और बच्ची ने दम तोड़ दिया। इस हफ्ते में इंदौर संभाग में तेंदुए के हमले से हुई यह दूसरी मौत है। बुधवार को ही धार में एक युवक पर तेंदुए ने हमला कर दिया था जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी।
बीते दस मार्च को खंडवा रोड पर झाबुआ फार्म हाउस पर तेंदुआ देखा गया था। वन विभाग की टीम को इस तेंदुए ने पकड़े जाने से पहले 24 घंटे छकाया और पांच लोगों को घायल किया। इनमें एक वन कर्मी, एक किशोरी और एक ग्यारह महीने की बच्ची थी। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने फार्म हाउस में पिंजरे में एक बकरी बांधकर उसे ललचाया लेकिन सफलता नहीं। मिली। इसके बाद 11 मार्च को फिर कोशिशें शुरु की।
इस बीच तेंदुआ फार्म हाउस से निकलकर खेतों के रास्ते लिंबोदी की शिवधाम कालोनी में जा पहुंचा गया। यहां उसने एक रहवासी पर सबसे पहले हमला किया। इसके बाद वह निर्माणाधीन भवन में मौजूद चौकीदार सुखलाल के घर में तेंदुआ घुसा। घर में तेंदुए को सबसे पहले उसकी बड़ी बेटी आरती पर हमला कर दिया।
आरती की चीख सुनकर सुखलाल दौड़ पड़ा। तब तक तेंदुए ने जबड़े में उसका हाथ पकड़ लिया। यह देख पत्नी सहित आसपास के लोग डंडे लेकर दौड़े। तेंदुआ निर्माणाधीन भवन के बाथरूम में छुप गया। इसके बाद चौकीदार की 11 महीने की नातिन भूमिका को भी तेंदुए ने घायल कर दिया। इसके बाद से घायलों का इलाज चोइथराम अस्पताल में जारी था। इस बीच भूमिका ने शुक्रवार सुबह दम तोड़ दिया।
नईदुनिया की खबर के मुताबिक तेंदुए से हमले में घायल हुए इन लोगों को इलाज के लिए दो लाख रुपये दिये थे लेकिन अब तक इलाज में चार लाख खर्च हो चुके हैं। ऐसे में यह परिवार एक असमय मुसीबत का सामना कर रहा है।
दो दिन पहले 17 मार्च को ही धार जिले के गंधवानी थाना अंतर्गत बाग वन्य क्षेत्र के कदवाल गांव में भी तेंदुए ने एक युवक पर हमला किया था। इस हमले में युवक रायसिंह पिता जुवानसिंह की मौत हो गई थी। वह बकरी चराने गया था। इस हमले में रायसिंह का चेरह बुरी तरह घायल हो गया था।