स्वच्छता का जुनून, जहां कभी गंदगी का ढ़ेर होता था वहां अब होती है ख़ुशनुमा चाय पार्टी


स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर एक आने के लिए अब बहुत कुछ विशेष करने की ज़रूरत नहीं है समझना है बस अपनी ज़िम्मेदारियों को और बचाना है तो केवल उसे जो हांसिल है। 


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इन्दौर Updated On :

इंदौर। स्वच्छता के लिए इंदौर के शहरी जुनून की हद तक पहुंच चुके हैं। हर बीतते साल यहां नए लक्ष्य तय किए जाते हैं और आने वाले दिनों में उन्हें पाने की पूरी कोशिश की जाती है। अब तक शहर ने अपने ज्यादातर लक्ष्यों को हांसिल किया है और कामयाबी का यह सिलसिला जारी है और इस कामयाबी की ख़ुशियां भी मनाई जाती हैं। ऐसी ही एक ख़ुशी शनिवार को इंदौर में शुक्रवार रात को भी मनाई गई जब एक ऐसी जगह चाय पार्टी हुई जहां इससे पहले कोई सोच भी नहीं सकता था। 

दरअसल, इंदौर में ज़ोन 11 के वार्ड 49 में महावीर नगर सिद्धार्थ अपार्टमेंट के पास, उमंग पैराडाइज़ मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के सामने वाली बेकलाइन में एक समय रहवासियों द्वारा गंदगी फेंकी जाती थी और कोई भी व्यक्ति उस बेक लाइन में गंदगी व बदबू के कारण अंदर जाना तो दूर बेक लाइन के पास खड़ा नहीं रह पाता था लेकिन अब तस्वीरें बदल गई हैं और उसी स्थान को निगम की टीम द्वारा सफाई करके सजाया व सौंदर्यीकरण किया गया है। जिसका परिणाम अब यह है कि आज यहां सामाजिक कार्य और खेलकूद के आयोजन भी हो सकते हैं।

शुक्रवार रात निगम आयुक्त प्रतिभा पाल भी यहां मौजूद रहीं। जिन्होंने स्थानीय लोगों के साथ यहां समय गुज़ारा। उन्होंने यहां बच्चों के साथ बैडमिंटन खेला। इस दौरान कई और भी लोग यहां पहुंचे और उन्होंने जाना कि कैसे एक स्थान पर लापरवाही से कचरा फेंककर उसे खराब किया गया और कैसे एक बेहतर उद्देश्य को लेकर नगर निगम ने उसे फिर साफ-सुथरा कर दिया।

इससे पहले यहां पौधे भी रोपे गए थे। शाम को सभी ने मिलकर यहां चाय पार्टी की। इंदौर नगर निगम की ओर से यह एक संदेश भी था कि एक पहल करके कैसे अपनी गलतियों को सुधारा जा सकता है और अपने आसपास के पर्यावरण को बेहतर किया जा सकता है।

आने वाले दिनों में इंदौर नगर निगम ने अपने लिए ऐसे कई और लक्ष्य भी तय कर रखे हैं। निगम के द्वारा इन लक्ष्यों को हांसिल करना न केवल उनके मनोबल को बढ़ा रहा है बल्कि स्वच्छता को लेकर नागरिकों के लिए एक संदेश भी दे रहा है।

लोगों को भी लगता है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर एक आने के लिए अब बहुत कुछ विशेष करने की ज़रूरत नहीं है समझना है बस अपनी ज़िम्मेदारियों को और बचाना है तो केवल उसे जो हांसिल है।



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