शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण पाने किसान दे चुके हैं अब तक 160 करोड़


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने लोन चुकाने के लिए एक माह तारीख बढ़ाने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक आदेश नहीं पहुंचे हैं जिससे बैंक, समितियां और किसान भी असमंजस में हैं।


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :
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नरसिंहपुर। जिले में खरीफ फसल के लिए 27 हजार किसानों ने 211 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था और अब शून्य प्रतिशत ब्याज पर पाने के लिए जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के पास समितियों के जरिये 160 करोड़ रुपये आ चुका है।

बैंक और समितियां लगातार वसूली कर रही हैं। 28 मार्च को समाप्त हो रहे वित्तीय वर्ष के मद्देनजर बकाया वसूलने पर जोर है। अंतिम दिनों में बैंक और समितियां रोजाना तीन साढ़े तीन करोड़ रुपये की रिकवरी कर रही हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने लोन चुकाने के लिए एक माह तारीख बढ़ाने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक आदेश नहीं पहुंचे हैं जिससे बैंक, समितियां और किसान भी असमंजस में हैं।

28 मार्च को वित्तीय वर्ष समाप्त हो रहा है। फसल ऋण वसूली के लिए समितियां और बैंक किसानों से लगातार संपर्क में है। जिले में खरीफ फसल के लिए 27 हजार किसानों ने 211 करोड़ रुपये का ऋण लिया था जिसके मुकाबले अब तक 160 करोड़ रुपये आ चुके हैं जबकि रबी फसल के लिए किसानों ने 150 करोड़ रुपये का ऋण लिया है जिसकी रिकवरी 15 जून तक होगी।

खरीफ और पुराना बकाया के लिए समितियां और बैंक किसानों से लगातार संपर्क कर रहे हैं ताकि बकाया वसूल हो सके। यद्यपि कुछ किसान इससे परेशान हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऋण वापसी के लिए एक माह की छूट की घोषणा तो कर दी, लेकिन अब तक कोई आदेश बैंकों तक नहीं पहुंचे।

असमंजस से कुछ किसान पैसा अदा करने में थोड़ा हिचकिचा रहे हैं कि आने वाले दिनों में उन्हें पैसे की जरूरत है। वहीं गेहूं, चना अभी बिका नहीं है।

उधर समितियां 28 मार्च तक वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक बकाया वसूलने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं। उनके पास भी मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार तारीख बढ़ाए जाने के कोई आदेश नहीं हैं।

फिर भी बैंक और समितियां बकाया वसूलने में काफी हद तक सफल भी हुई हैं। जिले में समितियों और बैकों से जुड़े करीब 42 हजार खाताधारक हैं जिनसे 600 करोड़ रुपये की डिमांड है।

इसके मुकाबले अब तक 175 करोड़ रुपये आया है। उधर रबी सीजन के लिए किसानों ने 150 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, उसकी रिकवरीरी 15 जून तक किया जाना है।

फिलहाल बैंक को कालातीत ऋण के अलावा 437 करोड़ रुपये के बकाया वसूलने का लक्ष्य है। बैंक और समितियों को जो सबसे अच्छा प्रतिसाद मिला है वह सांईखेड़ा और गोटेगांव में है। ऋण अदा करने के बाद किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिए जाने की योजना है।

दो लाख कर्ज और किसान –

कई किसानों को कर्जमाफी की बड़ी आस थी। कमलनाथ सरकार ने किसानों का कर्जा माफ करने का वादा किया था। कुछ किसानों के कर्ज भी माफ हो पाए। प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन दो लाख रुपये तक के बड़े कर्जदार शेष रह गए। इसके बाद सरकार गिर गई। लॉकडाउन लग गया। इससे किसानों पर सोसायटी का कर्ज बढ़ता गया।

अब तक 160 करोड़ रुपये की रिकवरी –

अभी तक डेट बढ़ने के कोई आदेश नहीं आए हैं। यदि आएंगे तो उनका पालन किया जाएगा। खरीफ फसल में 27 हजार खाताधारक किसानों ने 211 करोड़ रुपये का ऋण लिया है जिसमें रोज लगभग तीन साढ़े तीन करोड़ रुपये की रिकवरी आ रही है। अब तक 160 करोड़ रुपये की रिकवरी आ चुकी है। लोगों में अच्छा उत्साह है कि शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण प्राप्त हो सके।

– आरसी पटेल, महाप्रबंधक, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, नरसिंहपुर



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