इस बार नहीं बरसा सावन, मप्र के कई जिलों में अब सूखे की आहट


प्रदेश के कई जिलों में औसत से कम हुई है बारिश, फसलों के सूखने का खतरा


DeshGaon
हवा-पानी Updated On :

भोपाल। तेज़ बारिश और बाढ़ की खबरों के बाद प्रदेश में अब सूखे की आहट भी सुनाई दे रही है। सावन के महीने में आने वाली फुहारें इस बार यहां नहीं पड़ीं और दस प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है। ऐसे में स्थिति बिगड़ रही है और कई जिलों से वहां सूखा घोषित करने की मांग उठी है। प्रदेश में इस दौरान करीब 18 प्रतिशत कम बारिश हुई वहीं सबसे कम बारिश सतना, अशोकनगर, मंदसौर जिले में दर्ज की गई है जहां औसत से करीब 42  प्रतिशत तक कम बारिश दर्ज की गई है।

अगस्त  के महीने में प्रदेश में तापमान वैसा नहीं रहा जैसा बारिश के दौरान होता है। उमस, गर्मी से लोग बेहाल रहे और सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को हुई। प्रदेश के लगभग सभी इलाकों में  किसान अपनी फसलों के लिए चिंतित हैं। अशोकनगर, मंदसौर, सतना, धार, नीमच, इंदौर जैसे कई जिलों में फसलों पर सूखने का खतरा है। यहां  जलाशयों का जलस्तर कम है और फसलों की सिचाई मुश्किल में दिखाई दे रही है।  इन शहरों में पेयजल सप्लाई करने वाले स्टॉपडैम में 20 फीसदी ही पानी बचा हुआ है। इसलिए इन जिलों से किसानों और शहरवासियों द्वारा जिले को सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की मांग की जा रही है।

मध्य प्रदेश शासन के पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग निगम के उपाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह यादव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा कि अशोकनगर नगर में बारिश नहीं होने की वजह से फसलें सूखने लगी हैं। जिससे किसान परेशान हैं वहीं डैम और तालाब नहीं भरने से रवि की फसलों को भी पानी नहीं मिल पाएगा। जिले के तालाब खाली होने की वजह शहर में पानी सप्लाई में भी कटौती होने लगी है। ऐसे में जिले के सभी किसान चाहते हैं की जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, प्रदेश में अभी कोई नया सिस्टम एक्टिव नहीं है। इस कारण तेज बारिश का अनुमान नहीं है। वहीं मानसून पर ब्रेक लगने से गर्मी का असर बढ़ गया है। पारा अब 30 से 35 तक जा रहा है जिससे मौसम में गर्मी है और जमीन की नमी तेजी से सूख रही है और फसलों को नुकसान पहुंच रहा है।