किसान आंदोलन: छतरपुर में ट्रैक्टर रैली का जगह-जगह हो रहा स्वागत 


किसान आंदोलन के तहत निकाली जा रही ट्रैक्टर रैली अपने चौथे दिन रात्रि विश्राम सिमराही ग्राम किसान चौपाल लगाई गई जहां संख्या में किसान पहुंचे।


शिवेंद्र शुक्ला शिवेंद्र शुक्ला
उनकी बात Updated On :

छतरपुर। विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसानों के साथ छतरपुर में भी किसान आंदोलन चल रहा है। छतरपुर के किसान बुधवार 13 जनवरी से छतरपुर के छत्रसाल चौक पर ग्रामीण अधिकार संगठन के तत्वावधान में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठने जा रहे है।

इससे पहले उनके द्वारा 8 जनवरी से 13 जनवरी तक 6 दिवसीय ट्रैक्टर रैली निकाली जा रही है। ट्रैक्टर रैली को किसानों का भारी समर्थन मिल रहा है, ट्रेक्टर रैली का जगह-जगह स्वागत भी हो रहा है।

ग्रामीण अधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अमित भटनागर ने बताया कि

जिले में किसान मजदूर की स्थिति अत्यंत दयनीय है, कोई सुनने वाला तक नहीं है, छोटे-छोटे काम के लिए तहसील-ब्लॉक के चक्कर लगाने पड़ते है।

किसान आंदोलन के तहत निकाली जा रही पांचवें दिन की ट्रैक्टर रैली आज चंदला के सिमराही, बछोन, चंदला, संजयनगर, लवकुशनगर, महाराजपुर, गढ़ी मलहरा लुगासी होते हुए नौगांव की और प्रस्थान कर गयी, ट्रैक्टर रैली, ईसानगर में रात्रि विश्राम करेगी।

किसान आंदोलन के तहत निकाली जा रही ट्रैक्टर रैली अपने चौथे दिन रात्रि विश्राम सिमराही ग्राम किसान चौपाल लगाई गई जहां संख्या में किसान पहुंचे।

यहां किसानों ने खुलकर अपनी समस्याएं लोगों के साथ साझा की। किसानों ने बताया कि ज्यादातर किसानों को किसान सम्मान निधि नहीं मिल रही है, लाइट मुश्किल से एक-दो घंटे मिलती है जिसके कारण किसानों की फसल सूख रही है।

उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से बात करने पर कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है। किसानों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास भी इस गांव में मुश्किल से दो-तीन लोगों को ही मिले हैं।

गांव के ही निवासी कल्लू गुप्ता ने बताया कि

मैं पुश्तैनी रूप से सिमराही का निवासी हूं, मेरे पिता भवानी गुप्ता भी इसी गांव में निवास करते थे हमारे पास लगभग एक एकड़ जमीन है, किसान सम्मान निधि के लिए हमने अपने कागज जमा किए थे लेकिन उनका अनुभव काफी कड़वा रहा।

इन किसान ने बताया कि दो साल तक भी जब मेरे पैसे नहीं आए तो मैंने अपना फार्म चेक कराया मेरे फार्म में छतरपुर जिले की जगह रतलाम लिख दिया गया था, मैंने पटवारी को बताया उन्होंने मुझे तहसील जाने के लिए बोला मैं पिछले दो महीने में कई बार तहसील के चक्कर लगा चुका हूं, मेरा काम करने के लिए कई लोगों ने रिश्वत भी ली लेकिन इससे भी कुछ नहीं हुआ।

किसानों की इस जमावड़े में परमलाल कुशवाहा भगत राम तिवारी बहादुर आदिवासी, जुगल किशोर कुशवाहा, बलदीन पटेल विकास तिवारी, वंश गोपाल उमेश पटेल राजेश यादव किशोरी कुशवाहा, बहादुर आदिवासी राजेश यादव, तुलसी आदिवासी, बालक पटेल,जानकी आदिवासी, हिसाबी राजपूत बब्लू कुशवाहा,आदि मौजूद रहे।



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