‘इंफॉर्मेशन वॉरफेयर’ से निपटने में सक्षम है भारतीय सेना – मेजर जनरल ध्रुव कटोच


मेजर जनरल कटोच शुक्रवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘शुक्रवार संवाद’ को संबोधित कर रहे थे।


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नई दिल्ली। मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ध्रुव कटोच ने सूचना युद्ध के दौरान भारत की तैयारी पर चर्चा करते हुए कहा है कि हमारा पड़ोसी देश अब सूचनाओं के सहारे युद्ध लड़ने की कोशिश कर रहा है। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि इस तरह के ‘इंफॉर्मेशन वॉरफेयर’ से निपटने में भारतीय सेना पूरी तरह से सक्षम है।

मेजर जनरल कटोच शुक्रवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘शुक्रवार संवाद’ को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर आईआईएमसी के सभी केंद्रों के संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

‘सूचना युद्ध के दौर में भारत की तैयारी’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए ध्रुव कटोच ने कहा कि ‘इंफॉर्मेशन वॉरफेयर’ दुश्मन के साथ जंग करने का नये जमाने का तरीका है। इस युद्ध में डेटा का खेल होता है और उस डेटा के विश्लेषण के बाद दुश्मन के खिलाफ चालें चली जाती हैं।

उन्होंने कहा कि इस डेटा की मदद से आप दुश्मन देश में गलत सूचनाएं फैलाकर हिंसा और तनाव की स्थिति को जन्म दे सकते हैं। हमारा पड़ोसी देश आजकल यही कार्य कर रहा है, लेकिन भारत ने सूचनाओं के सही प्रयोग से उसे करारा जवाब दिया है।

कटोच के अनुसार भारत विरोधी ताकतों से निपटने में मीडिया की अहम भूमिका है। इसलिए हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि ऐसी ताकतें हमारे देश के खिलाफ मीडिया का दुरुपयोग न कर पाएं।

उन्होंने कहा कि सूचना और तकनीक के आधुनिक युग में सेना को सोशल मीडिया का सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल करने की जरुरत है। सोशल मीडिया हमारी सोच से ज्यादा तेजी से बढ़ा है। अगर हम इसकी रफ्तार के साथ नहीं चल पाए, तो पीछे छूट जाएंगे।

कटोच के अनुसार युद्ध के दौरान सूचनाओं का सही प्रयोग बेहद अहम है। हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात करते हैं। अगर हमें इसका इस्तेमाल अपनी ताकत बढ़ाने के लिए करना है, तो हमें सोशल मीडिया से जुड़ना होगा। आज मीडिया देश की ताकत का महत्वपूर्ण स्तंभ है, लेकिन हमें इसका इस्तेमाल अनुशासन के दायरे में रहकर करना होगा।

उन्होंने कहा कि आज जब फेक न्यूज़ और हेट न्यूज़ का चलन बढ़ रहा है, तब मीडिया साक्षरता की आवश्यकता प्रत्येक व्यक्ति को है।

कटोच ने कहा कि मीडिया साक्षरता से हमें उस मनोवैज्ञानिक युद्ध का मुकाबला करने में भी मदद मिलेगी, जिसे आज हम पूरी दुनिया में देख रहे हैं। हमें भारत विरोधी ताकतों द्वारा एक उपकरण के रूप में अपनाए जा रहे इस मनोवैज्ञानिक युद्ध से सचेत रहना होगा। हमें यह सीखना होगा कि देश और देशवासियों की बेहतरी के लिए मीडिया की ताकत का इस्तेमाल कैसे किया जाए।

कार्यक्रम में स्वागत भाषण आउटरीच विभाग के प्रमुख प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार ने दिया। संचालन आउटरीच विभाग में सहयोगी सलोनी सैनी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डिजिटल मीडिया विभाग की प्रमुख डॉ. रचना शर्मा ने दिया।



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