अंतरराष्ट्रीय मानवता दिवस पर संगोष्ठीः विशेषज्ञों ने की वैश्विक मानवीय आचरण और पारस्परिक सदव्यवहार पर चर्चा


लोग मैत्री सिर्फ लाभ के लिए करते हैं निस्वार्थ नहीं और यही मानवतापूर्ण रवैया नहीं है। हमे प्राकृतिक व्यवस्थाओं के साथ संतुलन बनाकर जीना होगा यही मानवीय आचरण होगा। 


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जब आप व्यवस्थित नहीं होते हैं तब आपको चिंता, डर और अमानवीयता घेर लेती है यह बात स्पेस एजेंसी नासा के विज़िटिंग साईंटिस्ट  प्रो. वीरेंद्र गोस्वामी ने अपने वक्तव्य में कही। उन्होंने कहा कि मनुष्य निर्भय, तनावमुक्त और चिंतामुक्त होकर मानसिक शांति का अनुभव करता है तो उसके मानवीय मूल्यों में विकास होता है और मानवता विकसित होती है।

प्रो. देवी अहिल्याबाई विवि के पूर्व विभाध्यक्ष पी.एन. मिश्रा ने अपने वक्तव्य में कहा कि बेईमानी और झूठ पर कोई समाज एवं परिवार टिक नहीं सकता, आज परिवार टूटते जा रहे हैं उनमे नैतिक मूल्यों को इंफोर्स करने कि क्षमता कम होती जा रही है यही कारण है कि अमानवीयता का विकास हो जाता है। ग्लोबल पीस फाउंडेशन के सलाहकार डॉ. सुरेन्द्र पाठक ने कहा कि प्रकृति ने विभाजन नहीं किया है यह मनुष्य द्वारा निर्मित है, आज मानवीयता का हनन होने का कारण है कि लोग मैत्री सिर्फ लाभ के लिए करते हैं निस्वार्थ नहीं और यही मानवतापूर्ण रवैया नहीं है। हमे प्राकृतिक व्यवस्थाओं के साथ संतुलन बनाकर जीना होगा यही मानवीय आचरण होगा।

सी. आर. डी. जी. फाउंडेशन नोएडा के संस्थापक निदेशक अरविन्द तिवारी ने कहा कि मानवता का विकास होता है तो मनुष्य के जीवन से हिंसा खत्म हो जाती है और वह संतोषधन के साथ उदारवादी हो जाता है और परोपकार करता है।

अध्यक्ष के रूप में डॉ. बीआर आंबेडकर विवि की पूर्व कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने इस विषय पर कहा कि हिंसा जब तक हमारे विचारों में है तव तक हम उसे व्यवहार से निराकृत नहीं कर सकते। अगर हम मानवीय मूल्यों के साथ सही से शिक्षित हैं तो उदार चरित्र एवं अहिंसक हो जाते हैं तभी विश्व को एक घर परिवार मानते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों संस्थाएं शांति और सद्भाव के लिए निरंतर कार्य करने के लिए संकल्पित हैं। कार्यक्रम कि प्रस्तावना कार्यक्रम अध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत कि गई। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन लव चावड़ीकर, प्रबंधक आशा पारस फॉर पीस एंड हारमनी फाउंडेशन द्वारा किया गया।



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