भोजशाला में ASI सर्वे के 15 दिनः खुदाई में मिले अवशेषों की जांच हो रही, तेरह स्थान चुने गए इनमें से तीन में खुदाई जारी


भोजशाला के मुख्य भवन के आसपास कुल 13 स्थानों पर टैंच से चिह्नित किया गया था, जिसमें से अभी 3 स्थानों पर ही मिट्टी हटाने का काम हो रहा है।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

भोजशाला में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा किए जा रहे सर्वे को 15 दिन हो चुके हैं। शुक्रवार को सर्वे टीम  6 बजे भोजशाला पहुंची और अपना काम शुरू कर दिया। इसी रोज़ शुक्रवार की नमाज़ भी होनी थी और इसी वजह से टीम 12 बजे भोजशाला से बाहर आ गई। इससे पहले टीम ने यहां करीब 6 घंटों तक सर्वे किया। सर्वे टीम के लौटने के बाद मुस्लिम समाज के लोगों को आना शुरु हो गया था। शुक्रवार होने से यहां बड़ी संख्‍या में पुलिस बल तैनात किया था। शुक्रवार को साथ हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की अध्यक्ष व याचिकाकर्ता रंजना अग्रिहोत्री व गोपाल शर्मा भी सर्वे में शामिल हुए।

पिल्‍लर नुमा आकृति दिखी : एएसआई की सर्वे टीम को भोजशाला में सर्वे करते 15 दिन बीत चुके हैं। भोजशाला के प‍िछले हिस्‍से में की जा रही खुदाई में सीढि़यों के साथ अब दीवारों की आकृति नजर आई है साथ ही टीम को एक पिल्‍लर नुमा आकृति भी दिखी है। सर्वे टीम इन आकृतियों की क्‍लीनिंग करवा रही है। फ‍िलहाल इन स्‍थानों पर निरंतर खुदाई का कार्य जारी है आने वाले दिनों में स्‍पष्‍ट हो जाएगा भोजशाला के नीचे तहखाना है या कोई हाल है।

अवशेषों की होगी जांच : सर्वे टीम को भोजशाला परिसर में की जा रही खुदाई के दौरान कई अवशेष भी मिले है। टीम द्वारा इन अवशेषों को जांच के लिए भी भेजा जाएगा। टीम खुदाई से निकलने वाली मिट्टी को भी भोजशाला के पिछले हिस्‍से लकड़ी पीठा क्षेत्र में डलवा रही है। भोजशाला के मुख्य भवन के आसपास कुल 13 स्थानों पर टैंच से चिह्नित किया गया था, जिसमें से अभी 3 स्थानों पर ही मिट्टी हटाने का काम हो रहा है।

वकील रंजना अग्निहोत्री ने बताया कि पश्चिमी दीवार पर जो पिलर बेस मिला था, उसकी वॉशिंग क्लीनिंग हो गई है। उत्तरी दीवार से सटी हुई जो सीढ़ियां मिली थीं, अंदाजा लगाया जा रहा है कि नीचे तहखाना मिलने की संभावना है, एक दीवार मिली है और तीन सीढ़ियां भी मिली हैं। सर्वे के दौरान जो उपकरण उपयोग में लिए जा रहे हैं, उसमें लोहे की कंघी है। प्लास्टिक की कंघी है। प्लास्टिक के ब्रश, छोटी झाडू भी है। जरूरत के हिसाब से फावड़े से खुदाई कर रहे हैं। छोटे-छोटे पाइप हैं, जिससे धुलाई भी की जा रही है। वॉशिंग, क्लीनिंग और ब्रशिंग के साथ ही केमिकल की मदद भी ली जा रही है।

 

हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की अध्यक्ष व याचिकाकर्ता रंजना अग्रिहोत्री और गोपाल शर्मा ने बताया कि गत दिनों खुदाई में एक पिल्‍लर बेस का हिस्‍सा सामने आया था। सर्वे टीम उसकी क्‍लीनिंग करवा रही है। क्‍लीनिंग के बाद पिल्‍लर पर ऊकरी आकृतियों को देखा जा सकता है इसी के साथ टीम को तीन सीढ़‍िया भी मिली है। पश्चिमी हिस्से की खुदाई में एक दीवार भी सामने आई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसके नीचे भी हाल या कमरा भी हो सकता है हालांकि आगामी दिनों में इसकी स्‍थ‍िति स्‍पष्‍ट हो जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका : आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिक सर्वे पर रोक लगाने वाली याचिका को सुप्रीप कोर्ट ने खारिज कर दिया। कमाल मौला मस्जिद के मुतवल्ली (कार्यवाहक) काजी मोइनुद्दीन द्वारा यह याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट में 29 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी।

 



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